सबसे अधिक नुकसान एग्जिकॉम टेलीसिस्टम्स को हुआ है। यह शेयर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 68.5 फीसदी नीचे लुढ़क चुका है। उसके बाद इकोज (इंडिया) मोबिलिटी ऐंड हॉस्पिटैलिटी में 67.76 फीसदी, विभोर स्टील में 63.2 फीसदी और ओला इलेक्ट्रिक में 61.6 फीसदी की गिरावट हो चुकी है। प्रमुख गिरावट वाले अन्य शेयरों में 59 फीसदी गिरावट के साथ पॉपुलर व्हीकल्स ऐंड सर्विसेज, 52 फीसदी गिरावट के साथ बाजार स्टाइल रिटेल, 50 फीसदी गिरावट के साथ गोदावरी बायोरिफाइनरीज और 50 फीसदी गिरावट के साथ कैरारो इंडिया शामिल हैं।
हालांकि ऐसा नहीं है कि हाल में सूचीबद्ध सभी शेयरों को नुकसान उठाना पड़ा है। केआरएन हीट एक्सचेंजर ऐंड रेफ्रिजरेशन अभी भी अपने निर्गम मूल्य से 3.9 गुना ऊपर कारोबार कर रहा है। इसी प्रकार ज्योति सीएनसी ऑटोमेशन ने अपने निर्गम मूल्य से 2.7 गुना और भारती हेक्साकॉम ने 2.4 गुना की बढ़त हासिल की है।
हाल में सूचीबद्ध शेयरों में भारी गिरावट की मुख्य वजह बाजार में निवेशकों की कमजोर धारणा है। भारतीय शेयर बाजार में अक्टूबर से ही दबाव दिख रहा है। कॉरपोरेट आय में वृद्धि की सुस्त रफ्तार, अधिक मूल्यांकन, अमेरिकी व्यापार नीति में बदलाव संबंधी चिंताओं और विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार की गई बिकवाली के कारण निवेशकों में घबराहट रही।
इस साल अब तक निफ्टी 50 अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 12.5 फीसदी लुढ़क चुका है, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 17 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 21 फीसदी की गिरावट आई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के शेयरों की बिकवाली की है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा भारी लिवाली नहीं की गई होती तो एफपीआई की बिकवाली का प्रभाव अधिक गंभीर हो सकता था।
नई सूचीबद्ध कंपनियों के प्रदर्शन पर नजर रखने वाला एसऐंडपी बीएसई आईपीओ सूचकांक सितंबर के अपने शीर्ष स्तर से 20 फीसदी लुढ़क चुका है। छोटे एवं मझोले आकार के शेयरों में बिकवाली का असर हाल में सूचीबद्ध नए शेयरों पर भी पड़ा है क्योंकि ऐसे अधिकतर शेयर इसी श्रेणी में आते हैं।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘नए सूचीबद्ध शेयरों में बुलबुला स्मॉलकैप एवं मिडकैप में गिरावट के लिए आंशिक तौर पर जिम्मेदार है। कुछ क्षेत्रों में जबरदस्त लिवाली के कारण मुनाफा वृद्धि के मुकाबले मल्टीपल काफी बढ़ गया था। ऐसे में गिरावट होना तय था।’
स्वतंत्र शेयर विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा, ‘सूचीबद्ध होते समय भारी लिवाली ने इन शेयरों को आगे बढ़ाया, लेकिन अधिकतर शेयर बाद में लड़खड़ा गए। अब उनमें गिरावट हो चुकी है। अगला कदम उनके वित्तीय प्रदर्शन पर निर्भर करेगा।’ चोकालिंगम ने चेताया कि गलत मल्टीपल एवं मुनाफा वृद्धि वाले शेयरों के लिए आगे की राह भी चुनौतीपूर्ण होगी।
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