भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 19 विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों (एफवीसीआई) का पंजीकरण रद्द कर दिया है। इनमें मॉरीशस, सिंगापुर और साइप्रस की इकाइयां शामिल हैं। सेबी ने नियामकीय मानदंडों के उल्लंघन का आरोप लगाया है और इन इकाइयों को निष्क्रिय पाया है।
जिन 14 इकाइयों की अस्तित्व समाप्त होने की तारीख उपलब्ध है, उनमें से 11 पांच साल से ज्यादा समय से बंद थीं जबकि तीन अपने-अपने न्यायिक क्षेत्र में 10 महीने से लेकर तीन साल तक की अवधि के लिए बंद थीं। सेबी ने दिसंबर 2024 में इन 19 इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
कस्टोडियन ने नियामक को इस बात की पुष्टि की है कि इन इकाइयों के पास भारत में कोई प्रतिभूति नहीं है। सेबी ने आरोप लगाया कि ये इकाइयां अब भारत के बाहर निगमित होने की शर्त को पूरा नहीं करती हैं क्योंकि वे अपने संबंधित देश के क्षेत्र में अस्तित्व में नहीं हैं। साथ ही तिमाही रिपोर्ट दाखिल करने में विफल रहीं और पात्रता मानदंडों में बदलावों को अधिसूचित करने में भी नाकाम रहीं।
आदेश में सेबी ने इस बात पर जोर दिया कि एफवीसीआई को अपनी गतिविधियों को बंद करने की जानकारी देनी चाहिए थी जो महत्त्वपूर्ण है। कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया है कि ये इकाइयां अपने पंजीकृत पते पर नहीं पाई गईं जिससे संकेत मिलता है कि पते में बदलाव की जानकारी सेबी को नहीं दी गई।
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