भारतीय शेयर बाजार से विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला जारी है, जबकि चीन के बदले हुए माहौल में एक बार फिर से निवेशकों की दिलचस्पी इस मुल्क की तरफ बढ़ रही है। राहत पैकेज की वजह से पैदा हुई उम्मीद, अलीबाबा के फाउंडर से शी जिनपिंग की मुलाकात, चीन पर टैरिफ को लेकर अमेरिका रवैये में नरमी, आकर्षक वैल्यूएशंस आदि वजहों से ग्लोबल इनवेस्टर्स चाइनीज स्टॉक की तरफ आकर्षित हो रहे हैं।
भारतीय शेयर बाजार में लगातार पांचवें महीने दबाव देखने को मिल रहा है। पिछले हफ्ते बाजार से 40.5 करोड़ डॉलर की बिकवाली देखने को मिली। दूसरी तरफ, चीन के शेयर बाजार में अक्टूबर 2024 के बाद सबसे बड़ा इनफ्लो देखने को मिला और फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs ) ने चाइनीज शेयरों में 57.3 करोड़ डॉलर निवेश किए।
चीन के शेयर बाजार की परफॉर्मेंस भारत के मुकाबले बेहतर देखने को मिल रही है। पिछले 6 महीनों और 1 साल में MSCI चाइना की परफॉर्मेंस MSCI इंडिया के मुकाबले काफी बेहतर रही है और इसने क्रमशः 28.9 पर्सेंट और 38 पर्सेंट का रिटर्न दिया है, जबकि इसी दौरान भारतीय बाजार में 13.2 पर्सेंट और 2 पर्सेंट की गिरावट रही है। बहरहाल, भारतीय शेयर बाजार की गिरावट का फायदा चीन के शेयर बाजार को मिला है। दरअसल, फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPIs) अपना निवेश भारत से हटाकर चीन में डाल रहे हैं। खबर है कि चीन आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ान के लिए और उपाय कर सकता है
क्या भारतीय बाजार में आगे भी जारी रहेगी मुश्किल
भारतीय शेयर बाजार में आगे भी मुश्किल जारी रहने की आशंका है। दरअसल, विदेशी निवेशक द्वारा बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट ने बताया, ‘अगर चाइनीज सरकार की नई पहल से FIIs के जरिये पॉजिटिव रेस्पॉन्स मिलता है, तो इसका मतलब भारतीय शेयर बाजार के लिए ज्यादा बुरी खबर है। हैंग सेंग एक्सचेंज के जरिए ज्यादा पैसा चाइनीज स्टॉक मे आएगा।’
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