शेयर बाजार में जब गिरावट जारी है, कई अच्छे स्टॉक्स डिस्काउंट पर मिल रहे हैं, तब भी बड़े म्यूचुअल फंड बाजार में पैसा लगाने से बच रहे हैं!आखिर क्यों? क्या उन्हें आगे शेयर बाजार में और गिरावट आने की आशंका है या या फिर वे किसी और बड़े दांव की तैयारी कर रहे हैं?
सेंसेक्स और निफ्टी पिछले 6 महीने में लगभग 7% तक गिर चुके हैं। स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्सों में तो इस दौरान 18 से 22 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली, और कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों और ग्लोबल उठापटक सहित ऐसे कई कारण है, जो शेयर बाजार पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। डोनाल्ड ट्रंप के इंपोर्ट टैरिफ और भारतीय रुपये में कमजोरी से भी निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ है। विदेशी निवेशक सिर्फ इस साल अब तक भारतीय बाजार से 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी कर चुके हैं!
अब सबसे बड़ा सवाल यहां ये है जब इतनी गिरावट के बाद बाजार डिस्काउंट पर है, तो बड़े फंड मैनेजर्स पैसा लगाने से क्यों कतरा रहे हैं?
प्राइम डेटाबेस ने एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंडों से जुड़े कुछ आंकड़े जुटाए हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के पास जनवरी 2025 में करीब 1.42 लाख करोड़ रुपये कैश को होल्ड करके रखा था। यह सिर्फ जनवरी की ही बात नहीं है, एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंड्स ने कम से अगस्त 2024 से ही काफी पैसा होल्ड करकेत रखा हुआ है। अगस्त 2024 में इनके पास 1.46 लाख करोड़ रुपये कैश था।
अगर आप ये सोच रहे हैं कि इन एक्टिव इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कौन-कौन शामिल है तो आपको बता दें कि इनमें लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप, मल्टीकैप, डिविडेंड यील्ड, कॉन्ट्रा, वैल्यू, फोकस्ड, सेक्टोरल/थीमैटिक, फ्लैक्सी कैप और ELSS म्यूचुअल फंड भी शामिल हैं।
गेनिंग ग्राउंड इनवेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर रवि कुमार टीवी ने बताया, “फंड मैनेजर्स ऊंचे वैल्यूएशन के चलते पैसा नहीं लगा रहे हैं। जब तक वे वैल्यूएशन को लेकर कम्फर्ट फील नहीं करते हैं, तब तक वे कैश होल्ड करना जारी रख सकते हैं।” उन्होंने कहा कि बाजार में हर दिन कोई नया आंकड़ा आता है, जिसका असर कई सेक्टर और स्टॉक्स पर देखने को मिलता है। ऐसे में फंड मैनेजर्स बाजार में स्थिरता आने का इंतजार कर रहे हैं।
कौन से फंड्स कर रहे हैं सबसे ज्यादा कैश होल्ड?
अगर हम टॉप म्यूचुअल फंड हाउस की बात करें, तो SBI म्यूचुअल फंड, HDFC म्यूचुअल फंड और ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने सबसे ज्यादा नकद होल्ड कर रखा है। SBI म्यूचुअल फंड के पास 24,008 करोड़ रुपये, HDFC म्यूचुअल फंड के पास 18,496 करोड़ रुपये, ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के पास 15,488 करोड़ रुपये कैश में पड़ा हुआ है। प्रतिशत के हिसाब से सबसे अधिक कैश होल्डिंग मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड के पास है। जनवरी 2025 में इसने कुल इक्विटी AUM का 16.55% कैश में रखा हुआ था।
लेकिन इस सबके बीच पराग पारिख (PPFAS Mutual Fund) का रवैया अलग है। उसने शेयर बाजार की इस गिरावट में पैसा लगाना शुरू कर दिया है। इस फंड की कैश होल्डिंग जनवरी में घटकर 9.57% पर आ गई, जो नवंबर 2024 में 14.75% रही थी।
निवेशकों के लिए इस डेटा का क्या मतलब है?
म्यूचुअल फंड्स के कैश होल्डिंग आंकड़े इसलिए अहम है क्योंकि इससे शेयर बाजार की दिशा का संकेत मिलता है। अगर म्यूचुअल फंड्स ज्यादा कैश रख रहे हैं, तो इसका मतलब है कि वे बाजार में गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। वहीं अगर उनकी कैश होल्डिंग में कमी आती है, तो इसका मतलब है कि फंड्स ने पैसा लगाना शुरू कर दिया है और उन्हें अब शेयर बाजार के ऊपर जाने की संभावना दिख रही है।
‘Rupee With Rushabh’ इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर रुशभ देसाई का मानना है कि लार्ज कैप स्टॉक्स अभी आकर्षक वैल्यूएशन पर हैं, लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप सेक्टर अभी भी थोड़ा महंगा लग रहा है। रुशभ ने कहा कि “अगर किसी निवेशक के पास 100 रुपये हैं, तो अभी 60-70 रुपये निवेश किए जा सकते हैं। बाकी रकम को धीरे-धीरे अगले कुछ महीनों में बाजार की चाल को देखते हुए निवेश करना चाहिए।”
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