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बस कुछ ही दिनों की बची है बिकवाली! फिर निफ्टी के रिकॉर्ड हाई के साथ चमक उठेंगे ये सेक्टर्स

 

Stock Market 2025: जनवरी 2025 से अब तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय कैश इक्विटी बाजार से करीब 1 लाख करोड़ रुपए की बिकवाली की है. इस बिकवाली के बावजूद, वैश्विक ब्रोकरेज फर्म्स CITI और Morgan Stanley भारतीय शेयर बाजार के लॉन्ग टर्म पर्सपेक्टिव को लेकर पॉजिटिव बनी हुई हैं. दोनों फर्म्स का मानना है कि आने वाले महीनों में बाजार में स्थिरता लौटेगी और निफ्टी-50 नया हाई बनाएगा.

CITI ने अपनी रिपोर्ट में कही ये बात

CITI के अनुसार, हालिया करेक्शन के बाद भारतीय बाजार में बड़े शेयरों (Large Caps) का वैल्यूएशन अब अधिक उचित स्तर पर आ चुका है. ब्रोकरेज फर्म भारतीय बाजार को लेकर पॉजिटिव बनी हुई है और आगे सुधार की संभावना देख रही है.

CITI ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि खपत वृद्धि (Consumption Growth) डायरेक्ट टैक्स कटौती, नीतिगत दरों में संभावित कटौती और महंगाई में कमी से खपत में सुधार हो सकता है. वहीं कैपेक्स ग्रोथ (Capex Growth) को लेकर रिपोर्ट कहती है कि दिसंबर 2024 के बाद पब्लिक कैपेक्स में सुधार की उम्मीद है, जिससे बाजार को सपोर्ट मिल सकता है.

किन सेक्टर को मिलेगा फायदा

CITI ने भारतीय बाजार में कुछ सेक्टर्स पर ओवरवेट (OW) और कुछ पर अंडरवेट (UW) रुख अपनाया है.

– ओवरवेट (OW) सेक्टर्स: बैंकिंग, टेलीकॉम और हेल्थकेयर.

– अंडरवेट (UW) सेक्टर्स: आईटी, मेटल्स और कंज्यूमर डिस्क्रेशनरी.

निफ्टी बनाएगा नया हाई

ब्रोकरेज फर्म ने HDFC Bank, Kotak Mahindra Bank, Maruti Suzuki, Endurance Technologies, HDFC Life, Torrent Pharma और MakeMyTrip को अपनी “बाय” लिस्ट में शामिल किया है. इसके अलावा, CITI ने दिसंबर 2025 तक निफ्टी का टारगेट 26,000 दिया है, जो वर्तमान लेवल से 13% की तेजी का संकेत देता है.

भारतीय बाजार फिर दिखा सकता है दम  

Morgan Stanley ने भारतीय इक्विटी बाजार में निवेश को “फायदे का सौदा” बताया है, बशर्ते वैश्विक कारक निगेटिव रूप से प्रभावित न करें. फर्म का मानना है कि भारतीय बाजार आने वाले महीनों में उभरते बाजारों (EM) की तुलना में बेहतर प्रदर्शन देखने को मिल सकता है.

– मजबूत मैक्रो स्थिरता: व्यापार संतुलन में सुधार, प्राथमिक घाटे में गिरावट और महंगाई में कमी.

– प्राइवेट कैपेक्स में तेजी: कॉरपोरेट बैलेंस शीट फिर से मजबूत हो रही हैं, जिससे निवेश गतिविधियां बढ़ेंगी.

– विकास दर में मजबूती: अगले 3-5 वर्षों में मिड-टीन से लेकर हाई-टीन (12-18%) के बीच कमाई की वृद्धि देखने को मिल सकती है.

– घरेलू निवेश प्रवाह: घरेलू निवेशकों की ओर से मजबूत भागीदारी, जिससे बाजार को समर्थन मिल रहा है.

Morgan Stanley ने यह भी मेंशन किया है कि इन मजबूत कारकों के चलते भारतीय बाजार की अस्थिरता (Beta) उभरते बाजारों की तुलना में सिर्फ 0.4 रह गई है, जो इसके हाई वैल्यूएशन को सही ठहराता है.

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