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17 साल बाद मुनाफे में आई BSNL: तीसरी तिमाही में कंपनी को 262 करोड़ का प्रॉफिट, चार साल में दोगुना हुआ EBITDA

 

सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL को वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में 262 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। 17 साल में यह पहला मौका है जब कंपनी मुनाफे में आई है। आखिरी बार 2007 में BSNL किसी तिमाही में प्रॉफिटेबल रही थी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार (14 फरवरी) को इसकी जानकारी दी।

 

अक्टूबर-दिसंबर 2024 में कंपनी का मोबिलिटी सर्विस से होने वाले रेवेन्यू में 15% ,फाइबर-टू-द-होम (FTTH) रेवेन्यू में 18% लीज्ड लाइन सर्विस से रेवेन्यू में पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 14% की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पिछले चार साल में BSNL का EBITDA 1,100 करोड़ रुपए से दोगुना होकर लगभग 2,100 करोड़ रुपए हो गया।

लागत कम करने से नुकसान ₹1800 करोड़ कम हुआ

संचार मंत्री सिंधिया ने बताया, ‘ कंपनी ने मौजूदा वित्त वर्ष (2024-25) अपनी फाइनेंस कॉस्ट और ओवरऑल एक्सपेंडिचर में कटौती की है, जिससे पिछले साल की तुलना में घाटे में 1,800 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमी आई है।’ उन्होंने कहा कि कंपनी का कस्टमर बेस भी बढ़कर दिसंबर तिमाही में 9 करोड़ हो गया। जून में यह 8.4 करोड़ था।

जून तक देश में 4G के लिए 1 लाख टावर सर्विस देंगे

4G कनेक्टिविटी पर सिंधिया ने बताया कि कंपनी अब देश भर में अपने सभी ग्राहकों को 4G सर्विस प्रोवाइड करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। टारगेट के कुल 100,000 टावरों में से लगभग 75,000 टावर लगाए जा चुके हैं, और लगभग 60,000 शुरू भी हो चुके हैं। हमें उम्मीद है कि इस साल जून तक सभी 100,000 टावर चालू हो जाएंगे।

सिंधिया ने बताया कि यह BSNL के लिए एक महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट है। BSNLने कई मामलों में सुधार दर्ज किया है। इसमें मोबिलिटी, FTTH और लीज्ड लाइन सर्विस ऑफरिंग तीनों का ग्रोथ शामिल है।

माइनिंग में पहली बार प्राइवेट 5G कनेक्टिविटी दी जा रही

कस्टमर एक्सपीरियंस को बढ़ाने के लिए BSNLने नेशनल वाईफाई रोमिंग, BiTV- सभी मोबाइल ग्राहकों के लिए फ्री एंटरटेनमेंट, सभी FTTH ग्राहकों के लिए IFTVऔर माइनिंग सेक्टर में पहली बार प्राइवेट 5G कनेक्टिविटी जैसी सर्विसेज पेश की है।

हमें उम्मीद है कि इस साल न केवल पूरे वित्त वर्ष के लिए चौथी तिमाही के अंत में रेवेन्यू बढ़ेगा, बल्कि खर्च को भी काबू में रखा जाएगा। पिछले साल के आंकड़ों से घाटे को भी कम करने की कोशिश रहेगी।

EBITDA क्या होता है?

EBITDA यानी अर्निंग बिफोर इंटरेस्ट, टैक्स, डेप्रिसिएशन एंड अमॉर्टाइजेशन EBITDA किसी कंपनी की वह टोटल कमाई होती है, जिसमें ब्याज चुकाना, टैक्स देना, एसेट या मशीनों की वैल्यू में गिरावट को कंपनसेट करना और पुराने लोन या कर्ज चुकाने में खर्च होने वाली लागत शामिल नहीं होती है।

EBITDA किसी कंपनी या फर्म के ऑपरेशन या उसके संचालन की स्थिति बताता है। इसका उपयोग आमतौर पर कंपनियां अपने बिजनेस को इवैल्यूएट करने के लिए करती हैं। इसे कैलकुलेट करने में लागत या खर्चे को शामिल नहीं किया जाता है।

एक समय नंबर वन मोबाइल ऑपरेटर थी BSNL

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 19 अक्टूबर 2002 को लखनऊ से BSNL मोबाइल सर्विस की शुरुआत की थी। लॉन्च होने के मात्र 1-2 सालों में ये भारत की नंबर वन मोबाइल सर्विस बन चुकी थी। निजी ऑपरेटरों ने BSNL के लॉन्च के महीनों पहले मोबाइल सेवाएं शुरू कर दी थीं, लेकिन BSNL के ‘सेलवन’ ब्रांड की मांग काफी बढ़ गई थी।

जब BSNL की सर्विसेज की शुरुआत हुई, उस वक्त प्राइवेट ऑपरेटर 16 रुपए प्रति मिनट कॉल के अलावा 8 रुपए प्रति मिनट इनकमिंग के भी पैसे चार्ज करते थे। BSNL ने इनकमिंग को फ्री किया और आउटगोइंग कॉल्स की कीमत डेढ़ रुपए तक हो गई। 2002-2005 का ये वक्त BSNL का सुनहरा दौर था। हर कोई BSNL का सिम चाहता था। इसके लिए 3-7 किलोमीटर लंबी लाइनें लगती थीं।

BSNL की ऐसी हालत क्यों हुई?

  • साल 2000 में स्थापना के बाद BSNL के अधिकारी निजी ऑपरेटरों को चुनौती देने के लिए जल्द से जल्द मोबाइल सर्विस शुरू करना चाहते थे, लेकिन उन्हें जरूरी सरकारी सहमति नहीं मिली।
  • जल्द से जल्द सरकारी सहमति नहीं मिलने का दौर आगे भी जारी रहा। 2006-12 के बीच जहां BSNL की क्षमता में मामूली इजाफा हुआ, वहीं प्राइवेट ऑपरेटर्स कहीं ज्यादा आगे निकल गए।
  • लोगों ने नेटवर्क कंजेशन और अन्य समस्याओं के कारण BSNL छोड़ प्राइवेट कंपनियों की ओर रुख किया।
  • साल 2010 में जब 3G स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई तो सरकारी कंपनी होने के कारण BSNL ने हिस्सा नहीं लिया। बाद में BSNL को उसी दाम पर स्पेक्ट्रम मिले, जिस दाम पर निजी कंपनियों को मिले थे।
  • BSNL को वायमैक्स तकनीक पर आधारित ब्रॉडबैंड वायरलेस ऐक्सेस (BWA) स्पेक्ट्रम के लिए भी भारी रकम देनी पड़ी। इसका सीधा असर BSNL की आर्थिक स्थिति पर पड़ा।
  • देश में मोबाइल क्रांति जोर पकड़ने के साथ ही लैंडलाइन कनेक्शन में तेजी से गिरावट हुई। 2006-07 में BSNL के 3.8 करोड़ लैंडलाइन ग्राहक थे, जो 2014-15 में घटकर 1.6 करोड़ रह गए।
  • 4जी स्पेक्ट्रम की नीलामी हुई तब भी BSNL को बाहर रखा गया। इस देरी के कारण जहां प्राइवेट कंपनियां देश में 5G रोलआउट कर चुकी हैं, वहीं BSNL 4G पर ही अटककर रह गई।

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सरकारी कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने मंगलवार को सिम कियोस्क सहित 7 नई सर्विसेस लॉन्च की। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये सर्विसेस लॉन्च की है। टेलिकॉम कंपनी का नया लोगो भी अनवील किया गया है।

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