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आखिर कब होगा मार्केट में इस गिरावट का सूर्यास्त? 14 महीनों बाद बाजार पूंजीकरण 3.99 लाख करोड़ डॉलर पर आया

इंडियन स्टॉक मार्केट में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले साल सितंबर के अंत से जारी गिरावट की वजह से स्टॉक मार्केट का बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर से नीचे आ गया है। बीते 14 महीनों में पहली बार इंडियन मार्केट का बाजार पूंजीकरण इतना कम हुआ है। 2025 में इंडिया दुनिया में सबसे खराब प्रदर्शन वाला मार्केट बन गया है। दुनिया के इस पांचवें सबसे बड़े स्टॉक मार्केट का मार्केट कैपिटलाइजेशन इस साल 18 फीसदी से ज्यादा गिरा है। जिम्बाब्वे का स्टॉक मार्केट खराब प्रदर्शन के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। आइसलैंड तीसरे नंबर पर है। ब्लूमबर्ग के डेटा से यह जानकारी मिली है।

बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर से नीचे आया

अब इंडियन स्टॉक मार्केट का बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) गिरकर 3.99 लाख करोड़ डॉलर रह गया है। यह 4 दिसंबर, 2023 के बाद सबसे कम बाजार पूंजीकरण है। पिछले साल इंडियन स्टॉक मार्केट का बाजार पूंजीकरण 5.14 लाख करोड़ रुपये के पीक पर पहुंच गया था। तब से मार्केट कैपिटलाइजेशन 1 लाख करोड़ रुपये घट गया है। इस साल डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आई है। डेढ महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब 1.5 फीसदी गिरा है। इस तरह एशिया में रुपया सबसे खराब प्रदर्शन के मामले में दूसरे नंबर पर है। रुपये से ज्यादा खराब प्रदर्शन इंडोनेशियाई रुपिया का है।

बड़े बाजारों में यूएस मार्केट्स का शानदार प्रदर्शन

इस साल दुनिया के बड़े बाजारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन अमेरिकी स्टॉक मार्केट का रहा है। अमेरिकी स्टॉक मार्केट का बाजार पूंजीकरण 3 फीसदी चढ़ा है। चीन और जापान के स्टॉक मार्केट का बाजार पूंजीकरण भी 2 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। इसके अलावा हांगकांग, कनाडा, यूके और फ्रांस के स्टॉक मार्केट्स का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। इस तरह दुनिया के ज्यादातर प्रमुख बाजारों का प्रदर्शन इस साल अब तक अच्छा रहा है।

मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में बड़ी गिरावट

इंडियन स्टॉक मार्केट्स के प्रमुख सूचकांक Sensex और Nifty में बड़ी गिरावट आई है। दोनों सूचकांक इस साल 2.6 फीसदी गिर चुके हैं। इसके मुकाबले स्मॉलकैप सूचकांक और मिडकैप सूचकांक में ज्यादा गिरावट आई है। BSE Midcap Index 12 फीसदी लुढ़का है, जबकि BSE Smallcap Index 15 फीसदी क्रैश कर चुका है। इस गिरावट में विदेशी फंडों (FIIs) की बिकवाली का बड़ा हाथ है। उन्होंने इस साल अब तक 10 अरब डॉलर से ज्यादा बिकवाली इंडियन मार्केट में की है। इसकी वजह कंपनियों की सुस्त अर्निंग्स ग्रोथ, ज्यादा वैल्यूएशन और इकोनॉमी की ग्रोथ में कमी है।

रिटेल इनवेस्टर्स को काफी ज्यादा लॉस

मार्केट में पिछले साढ़े चार महीनों से जारी गिरावट की वजह से रिटेल इनवेस्टर्स को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। खासकर उन निवेशकों को ज्यादा लॉस हुआ है, जिन्होंने मार्केट में तेजी के दौरान स्टॉक्स में निवेश किया है। इनमें कई नए इनवेस्टर्स हैं, जिन्होंने इससे पहले स्टॉक मार्केट में बड़ी गिरावट नहीं देखी है। वे काफी मायूस हैं।

इनवेस्टर्स को धैर्य बनाए रखने की सलाह

मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि निवेशकों को इस गिरावट से मायूस होने की जरूरत नहीं है। उन्हें लॉस में अपने स्टॉक्स बेचने की भी जरूरत नहीं है। अगर वे धैर्य बनाए रखते हैं तो कुछ महीनों में उनके लॉस की भरपाई हो जाएगी। हर बड़ी गिरावट के बाद स्टॉक मार्केट में बड़ी तेजी देखने को मिलती है।

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