Share Market Down: शेयर बाजार शुक्रवार 14 फरवरी को अपनी शुरुआती बढ़त गंवाकर एक बार फिर से लाल निशान में आ गए। सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले 8 दिनों से लगातार गिरावट देखी जा रही है। मोदी-ट्रंप की बैठक के फैसलों का भी बाजार पर असर नहीं दिखा। दोपहर के कारोबार में सेंसेक्स 550.11 अंक या 0.72 प्रतिशत गिरकर 75,588.86 के निचले स्तर पर आ गया। वहीं एनएसई निफ्टी 188.1 अंक या 0.81 प्रतिशत गिरकर 22,843.30 के स्तर पर आ गया। सभी सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक शेयर बाजार में आज की गिरावट के पीछे 3 मुख्य कारण रहें-
1. ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ ने मूड किया खराब
डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत सभी देशों पर ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ यानी ‘जैसे को तैसा’ टैक्स लगाने की अपनी नीति को दोहराया, जिसने आज पूरे ग्लोबल मार्केट के माहौल को खराब करने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने कहा, “भारत हमारे सामानों पर जो भी टैक्स लगाएगा, हम भी उस पर उतना ही टैक्स लगाएंगे।” हालांकि इस बीच मोदी और ट्रंप के बीच भारत-अमेरिका के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक 500 अरब डॉलर तक ले जाने पर सहमति जताई है। हालांकि अभी इस समझौते से जुड़े ज्यादा जानकारियां सामने नहीं आई हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैरिफ स्ट्रक्चर को लेकर अनिश्चितताएं निवेशकों के भरोसे को कम कर सकती है।
2. विदेशी निवेशकों की नहीं थमती बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी बिकवाली जारी रखी है और इस महीने अब तक करीब 19,077 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने भारतीय बाजार से 78,027 करोड़ रुपये की निकासी की थी। मार्केट एकपर्ट्स का कहना है कि भारतीय करेंसी में जारी कमजोरी और ग्लोबल आर्थिक अनिश्चितताओं ने इस निकासी को बढ़ावा दिया है। FIIs ने गुरुवार को भी शुद्ध रूप से 2,789.91 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
3. Q3 के कमजोर नतीजों ने मनोबल पर डाला असर
तीसरी तिमाही के कमजोर नतीजों ने शेयर बाजार के मनोबल को और भी कमजोर कर दिया है। नैटको फार्मा, सेन्को गोल्ड और दीपक नाइट्राइट जैसी कंपनियों के शेयरों में आज 14 फरवरी को कमजोर नतीजों के चलते भारी बिकवाली देखने को मिली। FMCGs कंपनियों पर भी वॉल्यूम का दबाव देखा जा रहा है, जो सुस्त कंज्यूमर्स मांग को दिखाता है।
टेक्निकल एनालिस्ट्स का क्या है कहना?
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट आनंद जेम्स के मुताबिक, निफ्टी को 23,220 पर रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा, जहां से पिछले सेशन में गिरावट देखने को मिला। जेम्स ने कहा, “निफ्टी के लिए 23,430 का अपसाइड लक्ष्य बरकरार है, लेकिन अगल इंडेक्स 23,220 से ऊपर बने रहने में विफल रहता है या 23,000 से नीचे फिसलता है, तो इसका मोमेंटम कमजोर हो सकता है। 22,800 से नीचे टूटने पर इस ट्रेंड के दोबारा आकलन करने की जरूरत होगी।”
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