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Paytm Money ने SEBI के आरोपों को निपटाने के लिए दिया ₹45.5 लाख का जुर्माना, जानिए पूरा मामला

पेटीएम की इस सब्सिडियरी कंपनी पेटीएम मनी (Paytm Money) ने SEBI के तकनीकी गड़बड़ी से जुड़े नियमों के उल्लंघन के आरोपों को निपटाने के लिए 45.5 लाख रुपये का भुगतान किया। पेटीएम मनी ने इस भुगतान के जरिए कई कंप्लायंस इश्यूज को सुलझाने का फैसला किया। इस समझौते से पेटीएम मनी को आगे की कानूनी कार्यवाही से बचने में मदद मिलेगी। सेबी द्वारा 13 फरवरी को जारी सेटलमेंट ऑर्डर में कहा गया कि 24 जुलाई 2024 को शोकॉज नोटिस जारी किया गया था, जिसमें इस स्टॉक ब्रोकिंग फर्म पर कई उल्लंघनों का आरोप लगाया गया था।

Paytm Money पर लगाए गए थे ये आरोप

स्टॉक ब्रोकिंग फर्म Paytm Money पर जो आरोप लगाए गए, उनमें सभी क्रिटिकल एसेट्स के लिए समय पर अलर्ट जनरेशन करने की अनुमत सीमा 70 फीसदी तय न करना शामिल है। बता दें कि समय पर अलर्ट मिलना निवेशकों के हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी होता है, खासकर जब बाजार में उतार-चढ़ाव हो। इस मानक को पूरा न कर पाने से कंपनी की संचालन क्षमता और रिस्क मैनेजमेंट प्रोसेस को लेकर गंभीर चिंताएं उठीं।

 

इसके अलावा, पेटीएम मनी पर आरोप है कि उसने निरीक्षण अवधि के दौरान देखे गए पीक लोड से संबंधित दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए। इसकी वजह से कंपनी की इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षमता पर सवाल उठे। यह चिंता खासकर तब बढ़ गई जब बात बाजार में अचानक बढ़ने वाले ट्रैफिक या तकनीकी गड़बड़ियों से निपटने की क्षमता की आई।

इसके अलावा, पेटीएम मनी पर आरोप है कि उसने सभी क्रिटिकल सिस्टम को लॉग एनालिटिक्स और मॉनिटरिंग एप्लिकेशन से कनेक्ट नहीं किया। यह सिस्टम रियल-टाइम मॉनिटरिंग और संभावित सिस्टम फेलियर या उल्लंघनों का जल्द पता लगाने के लिए जरूरी है। यह ऑपरेशन की विश्वसनीयता बनाए रखने और निवेशकों की संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है।

इसके अलावा, पाया गया कि पेटीएम मनी ने अप्रैल से सितंबर 2023 की छमाही के लिए लाइव डिजास्टर रिकवरी (DR) ड्रिल का संचालन नहीं किया। DR ड्रिल का अर्थ डिजास्टर रिकवरी ड्रिल है। डिजास्टर रिकवरी ड्रिल्स यह सुनिश्चित करने के लिए अहम है कि कोई कंपनी तकनीकी विफलता या आपदा की स्थिति में अपने ऑपरेशन को जल्दी से ठीक कर सके। लंबे समय तक ऐसी ड्रिल न करने से कंपनी की आपात स्थितियों से निपटने की क्षमता को लेकर गंभीर चिंताएं उठीं।

इस समझौते के जरिए पेटीएम मनी लंबी रेगुलेटरी जांच और संभावित जुर्माने से बच गई, हालांकि उसे इन खामियों को दूर करना होगा और भविष्य में ऐसी समस्याओं से बचने के लिए अपने सिस्टम में सुधार करना पड़ेगा।

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