Stock market : 14 फरवरी को लगातार आठवें कारोबारी सत्र में भारतीय इक्विटी सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 199.76 अंक या 0.26 फीसदी की गिरावट के साथ 75,939.21 पर और निफ्टी 102.15 अंक या 0.44 फीसदी की गिरावट के साथ 22,929.25 पर बंद हुआ है। आज लगभग 642 शेयरों में तेजी आई, 3200 शेयरों में गिरावट आई और 73 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अदानी एंटरप्राइजेज, अदानी पोर्ट्स, सन फार्मा, ट्रेंट निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरने वाले शेयरों में शामिल रहे, जबकि ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, नेस्ले इंडिया, इंफोसिस, टीसीएस के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।
निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 2.4 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई। मीडिया, मेटल, ऑयल एंड गैस, फार्मा, पीएसयू बैंक, रियल्टी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, ऑटो एनर्जी में 1-3 प्रतिशत की गिरावट के साथ सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक रूपक डे का कहना है कि निफ्टी पर मंदी का दौर जारी है। कुछ दिनों तक इस स्तर से ऊपर रहने के बाद यह 23,000 से नीचे बंद हुआ। हालांकि सूचकांक अपने निचले स्तर से 155 अंक सुधर बंद होने में कामयाब रहा,लेकिन फिर भी सेंटीमेंट कमजोर बना हुआ है। क्योंकि निफ्टी अपने अहम शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार करना जारी रखे हुए है। 22,800 से नीचे जाने पर बाजार में और अधिक घबराहट पैदा हो सकती है। ऊपरी स्तर पर, 23,100 तत्काल रेजिस्टेंस दिख रहा है। इसके ऊपर जाने पर बाजार को कुछ राहत मिल सकती है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि जोखिम से बचने की भावना निवेशकों के दिमाग पर हावी होती जा रही है। साल की शुरुआत में कॉर्पोरेट आय बाजार की उम्मीदों से काफी कम रही है। खासकर मिड और स्मॉल कैप कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे है। कमजोर तिमाही नतीजे, रुपये में गिरावट के साथ-साथ टैरिफ जैसे बाहरी कारकों के चलते निकट भविष्य में भावना कमजोर रहने की उम्मीद है। इससे एफआईआई की निकासी और बढ़ सकती है। टैरिफ पर स्पष्टता और कॉर्पोरेट आय में सुधार होने तक वोलैटिलिटी बनी रहने की उम्मीद है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि बेंचमार्क्स इंडेक्स वोलेटाइल कारोबारी सत्र में 76 हजार और 23 हजार के अपने अहम मनोवैज्ञानिक स्तरों से नीचे फिसल गए। किसी भी सकारात्मक संकेत के अभाव में निवेशक फ्रंटलाइन और सेक्टोरल शेयरों में मुनाफावसूली जारी रखे हुए हैं। निवेशकों में निराशा का माहौल बना हुआ है, क्योंकि विदेशी फंडों की लगातार निकासी और डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से निवेशक परेशान हैं,जिससे धारणा कमजोर हुई है।
डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
![](https://jayka.in/wp-content/uploads/2024/12/PicsArt_11-19-03.15.19.jpg)