गोल्ड 14 फरवरी को 87,060 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी और मजबूत मांग की वजह से गोल्ड को सपोर्ट मिला। दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड का भाव 87,210 रुपये पर पहुंच गया। 22 कैरेट गोल्ड का भाव 79,960 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा। कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में भी गोल्ड फ्यूचर्स में तेजी देखने को मिली। गोल्ड फ्यूचर्स 0.57 फीसदी यानी 492 रुपये की तेजी के साथ 86,300 रुपये प्रति 10 ग्राम चल रहा था।
ग्लोबल मार्केट में गोल्ड 2,929 डॉलर प्रति औंस था। यह लगातार सातवां हफ्ता है जब गोल्ड में तेजी देखने को मिली है। गोल्ड में तेजी का बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक टैरिफ पॉलिसी है। इससे ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। पहले ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया। 13 फरवरी को उन्होंने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए।
मुंबई की ब्रोकरेज फर्म केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि आगे गोल्ड में प्रॉफिट बुकिंग शुरू हो सकती है। गोल्ड की कीमत 3,000 डॉलर प्रति औंस के करीब चल रही है। ऐसे में कुछ इनवेस्टर्स थोड़ा प्रॉफिट बुक कर सकते हैं। एक तरफ जहां ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से इनफ्लेशन बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है तो दूसरी तरफ फेडरल रिजर्व ने जल्ड इंटरेस्ट रेट में कमी करने से इनकार किया है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि गोल्ड में तेजी रहने के आसार हैं। इसकी वजह यह है कि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता बढ़ गई है। जब कभी ग्लोबल मार्केट में उथलपुथल बढ़ता है गोल्ड की चमक बढ़ जाती है। इसकी वजह यह कि गोल्ड को निवेश का सबसे सुरक्षित जरिया माना जाता है। एनालिस्ट्स का कहना है कि आगे गोल्ड में तेजी का रुख जारी रहेगा। इसका भाव जल्द 3,000 डॉलर प्रति औंस के पार जा सकता है।
मार्केट एनालिस्ट का कहना है कि अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड नहीं है तो आप कम से कम 10 फीसदी गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको गोल्ड में गिरावट के मौके का इंतजार करना होगा। हर गिरावट पर आप गोल्ड में तब तक थोड़ा निवेश कर सकते हैं, जब तक आपको इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में गोल्ड की हिस्सेदारी 10 फीसदी तक नहीं पहुंच जाती है
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