शेयर बाजार में बुधवार 12 फरवरी को लगातार छठवें दिन भारी गिरावट देखी गई। इन 6 दिनों में निवेशकों की संपत्ति में करीब 24 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है। विदेशी निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली, ग्लोबल ट्रेड वार की आशंका और मिडकैप-स्मॉलकैप शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन जैसी वजहें बाजार पर दबाव बना रहे हीं। लेकिन असल सवाल ये है कि क्या यहां से अब बाजार में रिकवरी यानी मजबूत वापसी देखने को मिल सकती है? क्या शेयर बाजार पर अब अपने निचले स्तर पर पहुंच गया है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स की राय!
मार्केट एनालिस्ट्स का मानना है कि बाजार अब ओवरसोल्ड जोन में है और शॉर्ट-टर्म में इसमें उछाल आ सकता है। आज 12 फरवरी को भी कारोबार के दौरान यही देखने को मिली, जब सेंसेक्स ने करीब 900 अंकों का गोता लगाने के बाद इंट्राडे में तेजी से रिकवरी की। हालांकि शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स गिरकर 76,000 के भी नीचे चला गया था। यहां तक निफ्टी भी 22,800 के नीचे आ गया था।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वी के विजयकुमार ने निवेशकों को लार्जकैप शेयरों पर फोकस करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा, “मिड और स्मॉलकैप अभी भी ज्यादा वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहे हैं। इसलिए निवेशकों को अब फेयर वैल्यूएशन वाले लॉर्जकैप स्टॉक्स की ओर शिफ्ट करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि बाजार में शॉर्ट-टर्म में रिकवरी देखने को मिल सकती है, लेकिन विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते यह तेजी सीमित रह सकती है।
विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। मंगलवार 11 फरवरी को भी उन्होंने शुद्ध रूप से करीब 4,486.41 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे। फरवरी महीने में अब तक उन्होंने 17,000 करोड़ रुपये से भी अधिक की बिकवाली की है। इससे पहले जनवरी में भी उन्होंने 78,027 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
क्या शेयर बाजार अपने बॉटम के करीब है?
अब आते हैं कि मूल सवाल पर कि क्या इतनी बिकवाली के बाद शेयर बाजार अब अपने बॉटम के करीब आ चुका है? या इसमें आगे और गिरावट देखने को मिल सकती है? मार्केट एनालिस्ट्स इस सवाल पर बंटे हुए दिखाई दिए।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट, आनंद जेम्स ने बताया कि शेयर बाजार में हर तेजी को उम्मीद से पहले ही चुनौती का सामान करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा निफ्टी ने आज 23,060 के अहम सपोर्ट लेवल को टेस्ट किया और जिसके बाद गिरावट रुख गई। इससे रिकवरी की उम्मीद बढ़ी है। लेकिन अभी बड़े अपस्विंग यानी तेजी की संभावना कम है।”
वहीं रेलिगेयर ब्रोकिंग के अजित मिश्रा ने बताया कि निफ्टी ने 23,200 का स्तर तोड़ दिया है, जिससे मजबूत वापसी की उम्मीदें कमजोर हो गई है। मार्केट के अब वापस 22,800 के स्तर तक जाने की संभावना बढ़ गई है। सबसे बड़ी चिंता मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में जारी भारी बिकवाली को लेकर है, जो अभी काफी कमजोर दिख रहे हैं। निवेशकों को यहां पर काफी सतर्क रहने की जरूरत है।
मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस-प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने भी इसी तरह की चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बाजार का सेंटीमेंट अभी भी नाजुक बना हुआ है। प्रशांत तापसे ने कहा कि शेयर बाजार में इस समय निराशा छाई हुई है। निफ्टी के 23,000 अंक से नीचे जाने पर गिरावट की आशंका और बढ़ गई है। विदेशी निवेश इस साल अबतक करीब 1 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। इसके अलावा ट्रंप की टैरिफ धमकियों के चलते भी मार्केट में चिंता देखी जा रही है।
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