Markets

अगर इस मार्केट में भी निवेश नहीं किया तो यह आपकी बड़ी भूल होगी, यहां समझें पूरा कैलकुलेशन

मार्केट में गिरावट शुरू होते ही इनवेस्टर्स को अपने निवेश की चिंता सताने लगती है। लोग शेयरों से पैसे निकालना शुरू कर देते हैं। ऐसा करना बड़ी गलती साबित होती है। शेयरों में अपने निवेश को निकालना न सिर्फ आपको बड़ा वेल्थ (संपत्ति) बनाने से रोकता है बल्कि इससे लंबी अवधि में आपके पैसे की वैल्यू भी घट जाती है। खासकर अगर आप यह सोचकर अपने शेयर बेच रहे हैं कि जब मार्केट में रिकवरी आएगी तो फिर से निवेश करेंगे तो यह सोच भी गलत है।

मार्केट में निवेश के सही मौके की पहचान करना नामुमकिन है। लेकिन, हर बड़ी गिरावट में खरीदारी करना आपके हाथ में है। अगर मार्केट में गिरावट के दौरान आपने निवेश किया तो फिर वेल्थ बनाना आसान हो जाता है। अगर आप मार्केट में तेजी के दौरान निवेश करते हैं तो लंबी अवधि में आपका रिटर्न कम रहेगा। अगर आप मार्केट में कामयाब होना चाहते हैं तो सिर्फ दो फैसले आपको सही लेने पड़ेंगे। पहला- आपको मार्केट से कब बाहर निकलना है। दूसरा-आपको कब मार्केट में दोबारा निवेश करना है। अगर आपने इन दोनों बातों का समझ लिया तो फिर आपको मार्केट के उतारचढ़ाव से चिंतित होने की जरूरत नहीं है।

इनवेस्टमेंट सिर्फ नफानुकसान का कैलकुलेशन नहीं है। इससे मनोविज्ञान भी जुड़ा हुआ है। आपके मन में बैठा डर आपको गलती करने करने के लिए मजबूर करता है। मान लीजिए कोई इनवेस्टर किसी शेयर को 1000 रुपये की कीमत पर इसलिए बेच देता है, क्योंकि यह और गिर सकता है। जब स्टॉक गिरकर 900 रुपये पर आ जाता है तो इनवेस्टर इसलिए उसे नहीं खरीदता, क्योंकि उसे लगता है कि प्राइस गिरकर 800 रुपये पर आ सकता है। मार्केट में रिकवरी आने पर यह स्टॉक चढ़कर 110 रुपये पर पहुंच जाता है। आप कम भाव पर इसे खरीदने का मौका चूक जाते हैं। फिर आप इसे हाई प्राइस पर खरीदने के बारे में सोचने लगते हैं।

शेयरों को जल्दी-जल्दी खरीदने और बेचने पर आपको शॉर्ट कैपिटल गेंस पर टैक्स चुकाना पड़ सकता है। इससे आपका रिटर्न घट जाता है। मान लीजिए आपने 5,00,000 रुपये का अपना पोर्टफोलियो 2,00,000 रुपये के मुनाफे पर बेच देते हैं। इस शॉर्ट टर्म गेंस पर आपको 20 फीसदी रेट से 40,000 टैक्स चुकाना होगा। इसका कुल रिटर्न घटकर 1,60,000 रुपये रह जाएगा। इसका मतलब है कि आपका कुल रिटर्न 8 फीसदी घट गया। इसका मतलब यह है कि शेयरों को जल्द खरीदने और बेचने से बचना चाहिए। ऐसा तभी करना है, जब बहुत जरूरी हो जाए।

क्या आपने इसलिए स्टॉक्स बेच दिए कि मार्केट में गिरावट आने वाली है? ऐसे में तीन तरह की स्थितियां बन सकती हैं। पहला-मार्केट में तेजी आ सकती है। दूसरा-मार्केट क्रैश कर सकता है। तीसरा-मार्केट सीमित दायरे में बना रह सकता है। निफ्टी के पिछले 34 साल के इतिहास को देखने से पता चलता है कि किसी एक साल में मार्केट में तेजी का ट्रेंड 72 फीसदी रहा है। इसका मतलब है कि मार्केट के गिरने के मुकाबले चढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसलिए शेयरों को बेचकर कैश को अपने पास रखने का मतलब है कि आप मार्केट में रिकवरी का फायदा उठाने का मौका चूक जाएंगे।

Source link

जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
जिनके किसी भी दवाई लगाने से दाद नही मिट रहे हो तो आज ही खुजलीन दवाई आर्डर करे, कैश ऑन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध। ज्यादा जानकारी के लिए क्लिक करे।
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top