Market trend : बाजार में बिकवाली का दौर जारी है। लगातार 5वें दिन बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ है। सेंसेक्स-निफ्टी में 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। BSE के सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 3 फीसदी से ज्यादा फिसले हैं। ऑटो, एनर्जी और फार्मा शेयरों में बिकवाली देखने को मिली है। FMCG, मेटल और IT इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए हैं। सेंसेक्स 1,018 प्वाइंट गिरकर 76,294 पर बंद हुआ है। निफ्टी 310 प्वाइंट गिरकर 23,072 पर बंद हुआ है। निफ्टी बैंक 578 प्वाइंट गिरकर 49,403 पर बंद हुआ है। मिडकैप 1,583 प्वाइंट गिरकर 50,888 पर बंद हुआ है। सेंसेक्स के 30 में से 29 शेयरों में गिरावट रही है। निफ्टी के 50 में से 46 शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। निफ्टी बैंक के सभी 12 शेयरों में गिरावट हुई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक नागराज शेट्टी का कहना है कि आज मंगलवार, 11 फरवरी को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में बाजार में गिरावट का दौर जारी रहा और निफ्टी 309 अंकों की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ। नकारात्मक रुख के साथ खुलने के बाद,कारोबारी सत्र के अधिकांश हिस्से में बाजार में गिरावट जारी रही। कारोबारी सत्र के मध्य में तेज इंट्राडे गिरावट शुरू हुई और निफ्टी अंततः आज के निचले स्तर के पास बंद हुआ।
डेली चार्ट पर एक लॉन्ग बियरिश कैंडल बनी जिसने निर्णायक रूप से 23400 के अहम सपोर्ट को तोड़ दिया और निचले स्तर पर बंद हुआ। तकनीकी रूप से यह पैटर्न बाजार में गिरावट की व्यापकता को दर्शाता है। बाजार ने आज हाल ही में ऊपर की ओर उछाल के बाद बने तेजी वाले चार्ट पैटर्न को नकार दिया। इसे मार्केट सेंटीमेंट पॉजिटिव से निगेटिव हो गया है।
डेली चार्ट पर लोअर टॉप्स और बॉटम जैसे बड़े पैमाने के मंदी वाले पैटर्न दिखाई दे रहे हैं और निफ्टी अब जनवरी के स्विंग लो यानी 22786 के स्तर से नीचे जाने के लिए तैयार नजर आ रहा है। हालांकि,यहां से ऊपर की ओर आने वाले किसी भी उछाल को 23200 के स्तर के आसपास मजबूत रेजिस्टेंस मिल सकता है।
मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का कहना है कि भारतीय बाजारों ने ग्लोबल इंडेक्सों से कमजोर प्रदर्शन किया। बेंचमार्क सूचकांकों में भारी बिकवाली के कारण 1 फीसदी से अधिक की गिरावट आई। ट्रंप द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर 25 फीसदी आयात शुल्क लगाए जाने के बाद टैरिफ युद्ध बढ़ने की चिंताओं के कारण बाजार पर दबाव बना है। ट्रंप के इस कदम से भारत की कारोबारी संभावनाओं को नुकसान पहुंचेगा। आगे चलकर सरकार के खर्च में कमी आने की संभावना और अब तक की निराशाजनक नतीजों के कारण निवेशकों में चिंता पैदा हो गई है। इसके चलते वे अपनी इक्विटी होल्डिंग्स को कम कर रहे हैं।
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