Smallcap-Midcap Stocks: शेयर बाजार में मगंलवार 11 फरवरी को भारी गिरावट देखी गई। निवेशकों को सबसे अधिक झटका छोटे और मझोले शेयरों ने दिया, जो करीब 3.5 फीसदी तक लुढ़क गए। इन शेयरों के ऊंचे वैल्यूएशन से जुड़ी चिंताएं, कमजोर तिमाही नतीजे और कमजोर ग्लोबल संकेतों ने निवेशकों के मनोबल को कमजोर कर दिया है। जिसके चलते इन शेयरों में बड़े पैमाने पर बिकवाली देखने को मिली है। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इस साल अब तक क्रमशः 11.29% और 14.6% गिर चुके हैं। जबकि इसके मुकाबले बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स में इस दौरान सिर्फ 2.91 फीसदी की गिरावट आई है।
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की ओर से बड़ी कंपनियों यानी लार्जकैप शेयरों में की गई भारी बिकवाली से उनके वैल्यूएशन अब उचित स्तर पर आ चुके हैं। लेकिन मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा बना हुआ है।
मंगलवार के कारोबारी सत्र में छोटे शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट HBL इंजीनियरिंग, स्वान एनर्जी और एम्बर एंटरप्राइजेज में देखी गई, जो 12% तक गिर गए। वहीं, मिडकैप शेयरों में PB फिनटेक, फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर, एस्कॉर्ट्स कुबोटा और ओबेरॉय रियल्टी को 8% तक का नुकसान हुआ
एक्सपर्ट्स की राय: अभी 30% और गिर सकते हैं शेयर
मिराए एसेट शेयरखान के रिसर्च हेड संजीव होता का कहना है कि मिड और स्मॉलकैप शेयरों में जारी गिरावट जल्द थमने की उम्मीद कम है। उन्होंने निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा, “उन शेयरों में और गिरावट की संभावना है, जिनका वैल्यूएशन अभी भी बहुत ज्यादा है या उनकी अर्निंग्स ग्रोथ कमजोर है। इससे पहले 2018-19 में जब शेयर मार्केट क्रैश हुआ था, तब स्मॉलकैप इंडेक्स में 29 प्रतिशत की गिरावट आई थी और इस बार भी ऐसी ही स्थिति बन सकती है।”
संजीव होता ने आगे कहा कि छोटे और मझोले शेयरों का प्रदर्शन आमतौर पर कंपनियों की अर्निंग्स ग्रोथ पर निर्भर करता है, लेकिन फिलहाल ऐसी कोई ग्रोथ नहीं दिख रही। इसके अलावा उन्होंने ग्लोबल लेवल पर ट्रेड वार से जुड़ी आशंकाएं, अकमजोर होते रुपये और घरेलू आर्थिक सुस्ती को भी इस गिरावट का कारण बताया।
उन्होंने कहा, “जिन शेयरों का वैल्यूएशन ऊंचा बना हुआ है और उन्हें अर्निंग्स ग्रोथ से सपोर्ट नहीं मिल रहा है, उनमें हम मौजूदा स्तर से 30 प्रतिशत तक की और गिरावट देख सकते हैं।”
“रिवर्सल के संकेत नहीं, गिरावट जारी रह सकती है”
मोतिलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट रुचित जैन ने बताया कि मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स लगातार निचले स्तर बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब तक कोई मजबूत रिवर्सल सिग्नल नहीं मिलता, तब तक यह करेक्शन जारी रहेगा।”
बड़ी कंपनियों में खरीदारी का मौका: वी. के. विजयकुमार
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “FIIs की लगातार बिकवाली से लार्जकैप शेयरों का वैल्यूएशन अब उचित स्तर पर आ गया है, जबकि मिड और स्मॉलकैप शेयर अब भी महंगे हैं।” उन्होंने निवेशकों को सलाह दी कि बैंकिंग, आईटी, ऑटो, फार्मा और कैपिटल गुड्स सेक्टर में मजबूत लार्जकैप शेयर खरीदने पर ध्यान दें और धैर्य रखें। उन्होंने कहा, “FIIs दोबारा भारत में निवेश करेंगे, लेकिन यह तभी होगा जब डॉलर इंडेक्स कमजोर होगा। यह तो तय है कि ऐसा होगा, पर कब होगा यह नहीं कहा जा सकता।”
सेंसेक्स और निफ्टी लगातार पांचवें दिन गिरे
इस बीच, सेंसेक्स और निफ्टी मंगलवार 11 फरवरी को लगातार पांचवें दिन गिरावट के साथ बंद हुए। दोनों इंडेक्स करीब 1 फीसदी तक लुढ़क गए।
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