Stock Market Crash, Stock Markets Today: घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट थमने का नाम नहीं ले रही है। बाजार में सोमवार (10 फरवरी) को लगातार चौथे दिन गिरावट जारी रही। बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 671 अंक या 0.8 प्रतिशत से अधिक गिरकर 77,189 के निचले स्तर पर पहुंच गया। निफ्टी 50 इंडेक्स भी 202 अंक गिरकर 23,357.6 के निचले स्तर पर आ गया। सेंसेक्स और निफ्टी अपने ऑल टाइम हाई से लगभग 10% नीचे कारोबार कर रहे हैं।
टाटा स्टील, पावर ग्रिड, ज़ोमैटो, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल), बजाज फाइनेंस, टाइटन कंपनी, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और सन फार्मा आज सेंसेक्स के शीर्ष नुकसान में रहे। इनमें 1 प्रतिशत से 3.6 प्रतिशत के बीच गिरावट आई।
निफ्टी पर जेएसडब्ल्यू स्टील, हिंडाल्को, बीपीसीएल, ओएनजीसी, कोल इंडिया, श्रीराम फाइनेंस, सिप्ला, डॉ रेड्डीज, अदानी एंटरप्राइजेज और ट्रेंट शीर्ष पर रहे। वहीं, ब्रोडर मार्केट में एनएसई पर निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 1.5 फीसदी और निफ्टी स्मॉलकैप 1.7 फीसदी फिसल गया
शेयर बाजार में सोमवार को क्यों आई गिरावट, ये हैं कारण…
–डोनल्ड ट्रम्प का टैरिफ वॉर, मेटल स्टॉक्स में गिरावट
स्टील टैरिफ पर डोनाल्ड ट्रंप के ताजा बयान ने निवेशकों के सेंटीमेंट को प्रभावित किया। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका को स्टील और एल्युमीनियम एक्सपोर्ट करने वाले सभी देशों पर 25 प्रतिशत टैरिफ की घोषणा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी तरह के स्टील इम्पोर्ट पर लगाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि नए शुल्क कब प्रभावी होंगे।
ट्रंप के इस ऐलान के बाद बाजार में स्टील शेयरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर आज इंट्राडे कारोबार में निफ्टी मेटल इंडेक्स लगभग 3 फीसदी फिसलकर 8,348 के निचले स्तर पर पहुंच गया। इंडिविजुअल स्टॉक्स में वेदांता के शेयर 4.4 प्रतिशत, सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया) 4 प्रतिशत, टाटा स्टील 3.27 प्रतिशत और जिंदल स्टील 2.9 प्रतिशत तक गिर गए।
डोनल्ड ट्रंप की ‘जैसे को तैसा’ की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि विभिन्न देशों में स्टील इम्पोर्ट (Steel Import) के अलावा वह अमेरिका पर टैरिफ लगाने वाले देशों के खिलाफ ‘जैसे को तैसा’ की नीति अपनाएंगे। ट्रम्प ने रविवार को कहा कि वह “संभवतः” मंगलवार या बुधवार को जवाबी टैरिफ पर एक घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा, “बहुत सरल और आसान। अगर कोई हम पर आरोप टैरिफ लगाएगा तो हम उन पर टैरिफ लगाएंगे।” ट्रम्प का बयान चीन द्वारा इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी सामानों पर 10 से 15 प्रतिशत “प्रतिशोधात्मक” टैरिफ लगाए जाने के बाद आया है।
बड़े पैमाने पर बिकवाली
इस बीच, निवेशक एक को छोड़कर सभी सेक्टोरल इंडेक्स में बिकवाली कर रहे है। इंट्राडे कारोबार में सिर्फ निफ्टी एफएमसीजी इंडेक्स 0.5 प्रतिशत अधिक रहा, जबकि अन्य सभी इंडेक्स गिरावट में रहे।
निफ्टी मेटल इंडेक्स में 3 फीसदी, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स में 2.47 फीसदी, निफ्टी मीडिया इंडेक्स में 2 फीसदी, निफ्टी फार्मा इंडेक्स में 1.8 फीसदी, निफ्टी पीएसयू बैंक और फाइनेंशियल सर्विसेज इंडेक्स में 1 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.8 फीसदी की गिरावट आई है।
बॉन्ड यील्ड में लगातार दूसरे दिन वृद्धि
10 साल की अवधि वाले भारत सरकार का बॉन्ड यील्ड सोमवार को 2 प्रतिशत बढ़कर 6.83 प्रतिशत हो गया। इसमें दूसरे दिन भी वृद्धि जारी रही। बढ़ता बॉन्ड यील्ड निवेशकों की जोखिम से बचने के ट्रेंड को दर्शाती है। ऐसे में निवेशक इक्विटी की तुलना में बॉन्ड जैसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में निवेश करना पसंद करते हैं
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार, 7 फरवरी, 2025 को रेपो दर में 25 आधार अंक (बीपीएस) की कटौती के बाद भारतीय बॉन्ड यील्ड में इजाफा हुआ।
FIIs की बिकवाली, मजबूत होता डॉलर इंडेक्स
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का भारतीय शेयर बाजारों से बिकवाली का सिलसिला जारी है। अक्टूबर से ही विदेशी निवेशक मासिक आधार पर भारतीय इक्विटी के नेट सेलर बने हुए हैं। फरवरी में अब तक उन्होंने नकदी बाजार में 10,179 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। एफपीआई/एफआईआई की बिकवाली बढ़ते डॉलर इंडेक्स और रुपये के कमजोर होने के चलते देखने को मिल रही है। रुपये में गिरावट भारतीय इक्विटी बाजार को विदेशी निवेशकों के लिए कम आकर्षक बनाता है। भारतीय रुपया सोमवार (10 फरवरी) को इंट्राडे कारोबार में 87.92 प्रति अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया।
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