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Dalal Street Week Ahead: इंडिया & US इनफ्लेशन, Q3 नतीजों पर रहेगी नजर, इन फैक्टर्स से तय होगी बाजार की चाल

Dalal Street Week Ahead: पिछले हफ्ते BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 354.23 अंक या 0.45 फीसदी चढ़ा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 77.8 अंक या 0.33 फीसदी के लाभ में रहा। इस तरह बाजार में लगातार दूसरे हफ्ते तेजी देखी गई। अब अगले हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा आने वाले मुद्रास्फीति और अन्य मैक्रो-इकोनॉमिक आंकड़ों से तय होगी। एनालिस्ट्स ने यह राय जताते हुए कहा है कि इसके अलावा विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी बाजार पर असर डालेंगी।

सोमवार को बाजार का रुख शनिवार को घोषित दिल्ली चुनाव परिणामों पर निर्भर कर सकता है, जहां भाजपा को जीत मिली। आने वाले सप्ताह में बाजार रेंजबाउंड रह सकता है, क्योंकि निवेशकों की नजरें प्रमुख मैक्रोइकोनॉमिक डेटा पर टिकी रहेंगी, जिनमें मैक्रोइकॉनोमिक डेटा (CPI इनफ्लेशन सहित), अमेरिकी मुद्रास्फीति, फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल का बयान, तीसरी तिमाही के बचे हुए नतीजे और अमेरिका की टैरिफ से जुड़ी आगे की घोषणाएं शामिल हैं।

क्या है एक्सपर्ट्स की राय?

ब्रोकरेज फर्म मास्टर ट्रस्ट ग्रुप के निदेशक पुनीत सिंघानिया ने कहा, “आने वाला सप्ताह ग्लोबल और भारतीय बाजारों के लिए उतार-चढ़ाव भरा रह सकता है, जहां प्रमुख मैक्रोइकोनॉमिक डेटा और कॉर्पोरेट अर्निंग्स अहम भूमिका निभाएंगे। महंगाई के आंकड़े, इंडस्ट्रियल आउटपुट डेटा और प्रमुख कंपनियों के तिमाही नतीजे मार्केट सेंटीमेंट को प्रभावित करेंगे।

Religare Broking के SVP-रिसर्च अजीत मिश्रा ने निवेशकों को सेक्टोरल ट्रेंड्स के आधार पर स्टॉक सेलेक्शन पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा, “FMCG को छोड़कर अधिकांश प्रमुख सेक्टर रोटेशनल पार्टिसिपेशन दिखा रहे हैं। हालांकि, ब्रॉडर मार्केट में अस्थिरता बनी रहने के कारण मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में सतर्कता बरतना जरूरी है।”

तिमाही नतीजे

दिसंबर तिमाही के लिए अर्निंग सीजन आने वाले हफ्ते में समाप्त हो जाएगा। इस हफ्ते 2000 से अधिक कंपनियां अपने नतीजों की घोषणा करेंगी। इसमें आयशर मोटर्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अपोलो हॉस्पिटल्स और ग्रासिम इंडस्ट्रीज जैसी निफ्टी 50 फर्में शामिल हैं।

इसके अलावा, ल्यूपिन, सीमेंस, एफएसएन ई-कॉमर्स वेंचर्स नाइका, होनासा कंज्यूमर, इप्का लैबोरेटरीज, नेशनल एल्युमीनियम कंपनी, बाटा इंडिया, इंजीनियर्स इंडिया, एस्कॉर्ट्स कुबोटा, पतंजलि फूड्स, वरुण बेवरेजेज, वोडाफोन आइडिया, एस्ट्राजेनेका फार्मा, बर्जर पेंट्स, आईआरसीटीसी, एनबीसीसी, अशोक लीलैंड, भारत फोर्ज, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, जुबिलेंट फूडवर्क्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, मुथूट फाइनेंस, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, मणप्पुरम फाइनेंस, यूनाइटेड ब्रुअरीज, ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल, दिलीप बिल्डकॉन, डॉ. अग्रवाल्स आई हॉस्पिटल और नारायण हृदयालय के भी तिमाही नतीजे आएंगे।

CPI इनफ्लेशन

निवेशकों की नजर जनवरी के CPI इनफ्लेशन के आंकड़ों पर भी रहेगी, जो 12 फरवरी को जारी होने वाले हैं। CPI इनफ्लेशन आरबीआई के लिए ब्याज दर पर निर्णय लेने के लिए अहम फैक्टर्स में से एक है। इसके दिसंबर 2024 में 5.22 फीसदी के मुकाबले जनवरी 2025 में और घटकर 5 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है। यह अक्टूबर 2024 में 6.21 फीसदी को पार करने के बाद से घट रही है।

इसी दिन दिसंबर के इंडस्ट्रियल और मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्शन के आंकड़े भी घोषित किए जाएंगे। 14 फरवरी को जनवरी के लिए WPI इनफ्लेशन, 31 जनवरी को समाप्त पखवाड़े के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के आंकड़े और 7 फरवरी को समाप्त सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व के आंकड़े जारी किए जाएंगे।

US इनफ्लेशन

वैश्विक स्तर पर बाजार की नजरें अमेरिका के मुद्रास्फीति आंकड़ों, PPI, रिटेल सेल्स और जनवरी महीने के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन डेटा पर टिकी रहेंगी। अधिकांश अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि जनवरी की मुद्रास्फीति दर 2.9% पर स्थिर रहेगी, जो दिसंबर 2024 के स्तर के समान होगी।

फेड चेयर पॉवेल की गवाही

फेडरल रिजर्व चेयर जेरोम पॉवेल की गवाही ग्लोबल मार्केट्स के लिए एक अहम घटना होगी। जुलाई 2024 के बाद पहली बार पॉवेल अगले सप्ताह सांसदों के सामने आर्थिक दृष्टिकोण और हालिया मौद्रिक नीतियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिसके बाद उनसे सवाल-जवाब किए जाएंगे। पॉवेल 11 फरवरी को सीनेट बैंकिंग कमेटी और 12 फरवरी को हाउस फाइनेंशियल सर्विसेज पैनल (फाइनेंस कमेटी) के सामने गवाही देंगे।

जुलाई 2024 से अब तक, फेड ने तीन बैठकों में ब्याज दरों में कुल 100 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। जनवरी 2025 की पॉलिसी मीटिंग में फेड ने दरों को 4.25-4.5% पर स्थिर रखा और संकेत दिया कि आगे की कटौती को लेकर कोई जल्दी नहीं है।

ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा

अमेरिकी मुद्रास्फीति और फेड चेयर की गवाही के अलावा, यूरोप और यूके के Q42024 जीडीपी अनुमान और चीन के जनवरी वाहन बिक्री के आंकड़ों पर भी नजर रखी जाएगी।

तेल की कीमतें

कच्चे तेल की कीमतों पर नजर बनी रहेगी, क्योंकि इसमें आई गिरावट भारत जैसे आयातक देशों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। ब्रेंट क्रूड वायदा, जो अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों का बेंचमार्क है, लगातार तीसरे हफ्ते गिरावट के साथ बंद हुआ। पिछले महीने $80 प्रति बैरल से ऊपर जाने के बाद यह पिछले हफ्ते 1.33% गिरकर $74.66 प्रति बैरल पर बंद हुआ। कीमतें सभी प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे आ गई हैं, जिससे बियरिश सेंटिमेंट मजबूत हुआ, जो भारत के लिए पॉजिटिव संकेत है।

विदेशी और घरेलू संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जाएगी। फरवरी में अब तक, FII ने ₹10,000 करोड़ से ज्यादा की शुद्ध बिकवाली की है। इससे पहले, जनवरी में उन्होंने ₹87,375 करोड़ के शेयर बेचे थे। इस बिकवाली के प्रमुख कारणों में मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में मजबूती शामिल है।

हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने FII की बिकवाली को काफी हद तक संतुलित किया। फरवरी में अब तक, DII ने कैश सेगमेंट में ₹7,274 करोड़ की शुद्ध खरीदारी की है। जनवरी में उन्होंने ₹86,592 करोड़ के शेयर खरीदे (प्रोविजनल नंबर्स)। FII लगातार पांचवें महीने नेट सेलर बने रहे, जबकि DII अगस्त 2023 से शुद्ध खरीदार रहे हैं।

अगले हफ्ते 10 से 15 फरवरी के बीच कुल 9 IPO निवेशकों के लिए खुलने जा रहे हैं। इनमें से 3 IPO मेनबोर्ड के हैं। वहीं 6 SME IPO हैं। इसके साथ ही अगले हफ्ते 6 कंपनियों की स्टॉक मार्केट में लिस्ट भी होने वाली है। मेनबोर्ड सेगमेंट में जो तीन आईपीओ खुलेंगे उनमें Ajax Engineering, Hexaware Technologies और Quality Power Electrical Equipments शामिल हैं। SME सेगमेंट में Chandan Healthcare, PS Raj Steels, Voler Car, Maxvolt Energy Industries, LK Mehta Polymers, और Shanmuga Hospital अगले हफ्ते अपना आईपीओ लॉन्च करेंगे।

टेक्निकल व्यू

आने वाले सप्ताह में निफ्टी में कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है, जब तक कि यह 23,800 से नीचे कारोबार करता है, जो ऊपर की ओर 24,000-24,200 ज़ोन तक रैली के लिए एक अहम हर्डल है। सपोर्ट 23400 (50-वीक EMA) पर है, उसके बाद 23250 (पिछले हफ्ते का निचला स्तर) है।

कुल मिलाकर, मार्केट सेंटीमेंट पॉजिटिव बना हुआ है, क्योंकि वीकली चार्ट पर अपर शैडो के साथ एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बना है, जो ऊपरी स्तरों पर कुछ दबाव को दिखाता है। पिछले हफ्ते एक बुलिश एंगलफिंग पैटर्न बना था, जिसमें हायर हाई और हायर लो बने, और वॉल्यूम भी एवरेज से अधिक था। अगर निफ्टी 23,250 के स्तर को निर्णायक रूप से तोड़ता है, तो हायर टॉप-हायर बॉटम फॉर्मेशन बाधित हो सकता है, जिससे बुलिश ट्रेंड कमजोर हो सकता है।

कॉर्पोरेट एक्शन

आने वाले हफ्ते में होने वाली प्रमुख कॉर्पोरेट एक्शन इस प्रकार हैं:

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डिस्क्लेमर: stock market news पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को stock market news की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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