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Swiggy Vs Zomato : घाटा बढ़ने से Swiggy 4% फिसला, जानिए निवेश के नजरिए से Swiggy और Zomato में कौन है बेहतर

Swiggy Vs Zomato : वीकली एक्सपायरी के दिन निफ्टी हल्के दबाव के साथ 23600 के करीब, HDFC BANK, M&M, ITC और भारती एयरटेल ने दबाव बनाया है। बैंक निफ्टी में भी कंसोलिडेशन देखने को मिल रहा है। उधर वोलैटिलिटी इंडेक्स INDIA VIX करीब तीन फीसदी चढ़ा है। इस बीच तीसरी तिमाही में घाटा बढ़ने से स्विगी आज 4 फीसदी फिसल गया है। कंपनी का घाटा सालाना आधार पर 574 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ रुपए हो गया है। EBITDA लॉस में भी हुई बढ़ोतरी हुई है। EBITDA लॉस सालान आधार पर 525 करोड़ रुपए से बढ़कर 725 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है।

इस अवधि में कंपनी की आय सालाना आधार पर 31 फीसदी बढ़कर 3,049 करोड़ रुपए के मुकाबले 3,993 करोड़ रुपए पर रही है। Q3 में कंपनी का क्विक कॉमर्स रेवेन्यू सालाना आधार पर 114 फीसदी बढ़ा है। क्विक कॉमर्स का EBIT घाटा 310 करोड़ रुपए से बढ़कर 528 करोड़ रुपए पर रहा है। फूड डिलीवरी आय 23.5 फीसदी बढ़ी है। तीसरी तिमाही में कंपनी का फूड डिलीवरी EBIT 26 करोड़ रुपए से बढ़कर 193 करोड़ रुपए पर रहा है। Q3 में कंपनी का ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू 38 फीसदी बढ़कर 12,165 करोड़ रुपए पर और फूड डिलीवरी बिजनेस GOV 19.2 फीसदी बढ़कर 7,436 करोड़ रुपए पर रहा है।

स्विगी Vs जोमैटो, किसमें कितना दम!

 

आइए अब देखते हैं कि निवेश के नजरिए से स्विगी और जोमैटो में कौन बेहतर है। तीसरी तिमाही में स्विगी का B2C GOV 38 फीसदी पर रहा है। वहीं, जोमैटो के लिए ये 57 फीसदी पर रहा है। इस अवधि में स्विगी की फूड डिलिवरी ग्रोथ 19.2 फीसदी पर रही है। वहीं, जोमैटो की फूड डिलिवरी ग्रोथ 17 फीसदी पर रही है। तीसरी तिमाही में स्विगी की क्विक कॉमर्स ग्रोथ 88.1 फीसदी पर रही है। वहीं, जोमैटो की क्विक कॉमर्स ग्रोथ 120 फीसदी पर रही है।

नतीजों पर स्विगी मैनेजमेंट

तीसरी तिमाही के नतीजों पर स्विगी के मैनेजमेंट का कहना है कि फूड डिलिवरी GOV का 18-22 फीसदी का टारगेट टिकाऊ है। मध्यम अवधि में फूड डिलिवरी एडजेस्टेड मार्जिन टारगेट 5 फीसदी है। वित्त वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में ब्रेक ईवेन होने का गाइडेंस कायम है।

 

तीसरी तिमाही नतीजों के बाद जोमैटो मैनेजमेंट

तीसरी तिमाही के नतीजों के बाद जोमैटो के मैनेजमेंट ने कहा है कि निकट भविष्य में ब्लिंकिट का घाटा बना रहेगा। फूड डिलिवरी रेवेन्यू ग्रोथ सुस्त रही है। कमजोर कंज्यूमर सेंटिमेंट का असर देखने को मिला है। आगे फूड डिलिवरी मार्जिन 5 फीसदी के ऊपर टिक सकता है।

क्विक कॉमर्स में बढ़ते कंपिटीशन से मार्जिन में फौरी ठहराव संभव है।

स्विगी के शेयर की चाल

जोमैटो के तीसरी तिमाही नतीजों के बाद स्विगी 13 फीसदी फिसला है। ये शेयर अपने शिखर से 32 फीसदी फिसल चुका है। जोमैटो के मुकाबले वैल्युएशन डिस्काउंट 50 फीसदी के मुकाबले 35 फीसदी पर है।

Q3 में कैश बैलेंस

तीसरी तिमाही में स्विगी का कैश बैलेंस 19235 करोड़ रुपए और जोमैटो का कैश बैलेंस 8183 करोड़ रुपए है। बाजार जानकारों का कहना है कि स्विगी के Q3 नतीजों से जोमैटो के लिए पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं। निवेशक निकट भविष्य में जोमैटो को वरीयता दे सकते हैं। जोमैटो निफ्टी में शामिल होने का कैंडिडेट है। स्टॉक अपने शिखर से करीब 25 फीसदी फिसल चुका है। 3 साल का सेल्स CAGR 66.92 फीसदी है।

डिस्क्लेमर: दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को l सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

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