आईआईएफएल फाइनेंस (IIFL Finance) का कहना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी के रजिस्टर्ड ऑफिस और अन्य ठिकानों पर अपनी सर्च पूरी कर ली है। इस बात का खुलासा सेबी के LODR रेगुलेशंस 2015 के तहत की गई रेगुलेटरी फाइलिंग में किया गया है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने IIFL फाइनेंस लिमिटेड के रजिस्टर्ड ऑफिस और अन्य ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया था।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को दी गई आधिकारिक सूचना में इस बात की पुष्टि की है कि उसके प्रतिनिधि टैक्स अधिकारियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। सीएनबीसी-टीवी18 ने सूत्रों के हवाले से 28 जनवरी को खबर दी थी कि टैक्स चोरी के आरोपों को लेकर कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। यह छापेमारी कंपनी के ऑफिस से जुड़े कई फ्लोर पर 28 जनवरी को शुरू हुई थी। हालांकि, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (NBFC) ने सर्च ऑपरेशन की प्रकृति या नतीजों के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में 4 दिसंबर को कंपनी का शेयर 1.65 पर्सेंट की बढ़त के साथ 352.20 रुपये पर बंद हुआ।
इससे पहले पिछले साल मार्च में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आईआईएफएल फाइनेंस को गोल्ड लोन को मंजूरी करने और बांटने पर फौरन रोक लगा दी थी। हालांकि कंपनी को मौजूदा गोल्ड लोन पोर्टफोलियो को चालू रखने से लेकर कलेक्शन और रिकवरी प्रोसेस को जारी रखने की इजाजत दी गई थी। आरबीआई को अपनी जांच में आईआईएफएल के गोल्ड लोन पोर्टफोलियो में लोन को मंजूरी देते समय सोने की शुद्धता और वजन में गंभीर अनियमितताएं मिली थी। लोन टू वैल्यू रेश्यो में भी आरबीआई ने उल्लंघन का पता लगाया था. जिसके बाद कंपनी के खिलाफ ये कार्रवाई की गई थी। हालांकि, सितंबर 2024 में यह पाबंदी हटा ली गई थी।
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