Tata Chemicals Q3 Results: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा केमिकल्स लिमिटेड ने आज 3 फरवरी को FY25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी को 21 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। इसका मुख्य कारण सोडा ऐश की कीमतों में गिरावट और यूएस में उच्च लागत हैं। बता दें कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 194 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया था। कंपनी के शेयरों में आज 2.03 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक BSE पर 944.90 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 24,071.92 करोड़ रुपये है।
Tata Chemicals का रेवेन्यू भी घटा
टाटा केमिकल्स का रेवेन्यू 3.8 फीसदी घटकर 3590 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 3730 करोड़ रुपये था। कंपनी का EBITDA इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 19.9 फीसदी घटकर 434 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 542 करोड़ रुपये था।
दिसंबर तिमाही में EBITDA मार्जिन 12.1% रहा, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह 14.5% था। टाटा केमिकल्स का सकल कर्ज 31 दिसंबर 2024 तक ₹6722 करोड़ रहा, जो कि पिछले साल की तुलना में ₹810 करोड़ अधिक है। वहीं, नेट कर्ज ₹952 करोड़ बढ़कर ₹5329 करोड़ हो गया, जिसका कारण अमेरिका, केन्या और भारत में कम EBITDA और हायर वर्किंग कैपिटल की जरूरतें है।
टाटा केमिकल्स लिमिटेड ने Q3FY25 में ₹70 करोड़ का एक अपवादजनक खर्च (exceptional charge) दर्ज किया है। इसमें एम्प्लॉई टर्मिनेशन बेनिफिट्स, प्लांट और मशीनरी को बंद करने का खर्च और अन्य समापन से जुड़ी आकस्मिक लागतें शामिल हैं। यह खर्च यूके के नॉर्थविच स्थित लॉस्टॉक प्लांट में सोडा ऐश प्रोडक्शन बंद करने से संबंधित है।
Tata Chemicals के CEO का बयान
टाटा केमिकल्स ने तिमाही के दौरान यूके में 70 KTPA फार्मा साल्ट प्लांट चालू किया। सोडा ऐश, बाइकार्बोनेट और सॉल्ट की बिक्री और प्रोडक्शन वॉल्यूम वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही की तुलना में अधिक थी। टाटा केमिकल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO आर मुकुंदन ने कहा, “भारत सहित पूरे एशिया में ग्रोथ जारी है, जबकि अमेरिका और पश्चिमी यूरोप सहित अन्य बाजारों में फ्लैट और कंटेनर ग्लास की मांग में कमी के कारण मामूली गिरावट देखी जा रही है।”