बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) के बोर्ड की बैठक 13 फरवरी को होगी। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) इश्यू सहित कई तरीकों से फंड जुटाने के प्रस्ताव पर फैसला लिया जाएगा।। बैंक के शेयरों में आज 3 फरवरी को 1.42 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक BSE पर 207.85 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी का मार्केट कैप 1.07 लाख करोड़ रुपये है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “बोर्ड की बैठक 13 फरवरी 2025 को होनी तय है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ 31 मार्च 2026 तक और उसके बाद भी उपयुक्त किस्तों में क्यूआईपी सहित कई तरीकों से आम इक्विटी पूंजी के माध्यम से पूंजी जुटाने की योजना पर विचार किया जाएगा। यह लागू वैधानिक/रेगुलेटरी अप्रुवल के अधीन होगा।”
सीएनबीसी-टीवी18 ने पहले बताया था कि सरकार ने क्यूआईपी रूट के माध्यम से पांच सरकारी बैंकों के लिए 10000 करोड़ रुपये की राशि जुटाने की योजना को मंजूरी दी है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अलावा चार अन्य लेंडर, पंजाब एंड सिंध बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को धन जुटाने की मंजूरी मिल गई है।
सूत्रों ने सीएनबीसी-टीवी18 को बताया कि ये लेंडर वित्तीय वर्ष 2025 की चौथी तिमाही से छोटे-छोटे किस्तों में धन जुटा सकते हैं। सूत्रों ने कहा डिपार्टमेंट ऑफ डिसइनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) को भी ऑफर फॉर सेल (OFS) रूट के जरिए इन लेंडर्स में हिस्सेदारी बेचने का आदेश मिला है। सरकार अगस्त 2026 तक इन पीएसयू बैंकों में 25% मिनिमम पब्लिक शेयरहोल्डिंग को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
BSE पर लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, दिसंबर तिमाही के अंत में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में सरकार की 79.6% हिस्सेदारी है, जबकि पंजाब एंड सिंध बैंक में 98.25% हिस्सेदारी, इंडियन ओवरसीज बैंक में 96.38% हिस्सेदारी, यूको बैंक में 95.39% हिस्सेदारी और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 93.08% हिस्सेदारी है। मौजूदा शेयर मूल्य के आधार पर, इन पांच लेंडर्स में सरकार की अतिरिक्त हिस्सेदारी लगभग ₹50000 करोड़ है।