Budget 2025: बजट ने केमिकल सेक्टर को काफी निराश किया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में कोई ऐलान नहीं किया तो अधिकतर केमिकल कंपनियों के शेयर धड़ाम से गिर गए। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals), एपिग्रल (Epigral), बालाजी एमाइन्स (Balaji Amines), गुजरात फ्लोरोकेमिकल्स (Gujarat Fluorochemicals), प्रीमियर एक्स्प्लोसिव्स (Premier Explosives), पीआई इंडस्ट्रीज (PI Industries), और हिमाद्री स्पेशल्टी केमिकल्स (Himadri Specialty Chemicals) के शेयर 4 फीसदी तक टूट गए।
क्या है केमिकल सेक्टर की मांग?
पिछले कुछ वर्षों से इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स लगातार केमिकल सेक्टर के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम की मांग कर रहे हैं। इस बार भी बजट से काफी उम्मीदें थीं, कि वित्त मंत्री इससे जुड़ा ऐलान बजट में कर सकती हैं। इसके अलावा एक्सिस सिक्योरिटीज का अनुमान था कि बजट में गुजरात जैसे केमिकल मैन्युफैक्चरिंग हब को टैक्स इंसेंटिव का ऐलान हो सकता है जिससे भारतीय केमिकल कंपनियों को फायदा मिलेगा लेकिन ऐसा कोई ऐलान नहीं हुआ।
कैसी है Chemical Sector की स्थिति?
वर्ष 2022 तक केमिकल सेक्टर तेजी से आगे बढ़ी। हालांकि फिर दुनिया भर में मांग सुस्त पड़ने और चीन से सस्ते दाम पर आयात ने इस सेक्टर की मुश्किलें बढ़ा दी। हालांकि अब रिकवरी के कुछ शुरुआती संकेत मिल रहे हैं और इस वित्त वर्ष में मांग के पूरी तरह से ट्रैक पर आने की उम्मीद दिख रही है। इसके चलते एक्सपर्ट्स भी उम्मीद कर रहे थे कि सरकार पीएलआई स्कीम के जरिए इसे सपोर्ट करेगी ताकि सेंटिमेंट सुधरे और सेक्टर की सेहत में सुधार हो।
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