Agriculture stocks: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 1 फरवरी को Budget 2025 में एग्रीकल्चर सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए छह नई योजनाओं की घोषणा की। इसके साथ ही सब्सिडी वाले किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) से कर्ज प्राप्त करने की सीमा को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनका लक्ष्य देशभर में रोजगार से लेकर फसल उत्पादकता बढ़ाने तक हर चीज को बढ़ावा देना है। इस घोषणा के बाद आज एग्रीकल्चर सेक्टर की कंपनियों के शेयरों में जमकर खरीदारी देखी गई।
इन Agriculture stocks में जबरदस्त खरीदारी
BSE पर कावेरी सीड कंपनी का शेयर 6.99 फीसदी बढ़कर 962.25 रुपये पर बंद हुआ। पारादीप फॉस्फेट्स 3.41 फीसदी बढ़कर 116.65 रुपये पर, मंगलम सीड्स 3.23 फीसदी बढ़कर 214 रुपये पर, नाथ बायो-जीन्स (इंडिया) 2.78 फीसदी बढ़कर 173.55 रुपये पर और बेयर क्रॉपसाइंस 0.55 फीसदी बढ़कर 5141.95 रुपये पर बंद हुआ है। इसके अलावा PI इंडस्ट्रीज का शेयर 0.34 फीसदी बढ़कर 3,494.25 रुपये पर और UPL का शेयर 0.17 फीसदी बढ़कर 604.30 रुपये पर बंद हुआ
ये शेयर टूटे
दूसरी ओर, चंबल फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स 2.77 फीसदी की गिरावट के साथ 490.05 रुपये पर, धानुका एग्रीटेक 2.66 फीसदी की गिरावट के साथ 1,403.45 रुपये पर, टाटा केमिकल्स 2.26 फीसदी की गिरावट के साथ 964.45 रुपये पर और कोरोमंडल इंटरनेशनल 1.46 फीसदी की गिरावट के साथ 1,783.50 रुपये पर बंद हुआ।
Budget 2025 में की गई है ये घोषणाएं
वित्त मंत्री ने केसीसी लाभ को बढ़ाने की घोषणा की, 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए सब्सिडी वाले अल्पकालिक ऋण की सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया।
संसद में अपना आठवां बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कृषि को ‘विकास का पहला इंजन’ बताया और प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का प्रस्ताव रखा। यह सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य कम उत्पादकता, कम फसल लेने वाले क्षेत्र (जिन स्थानों पर दो या तीन की जगह कम या केवल एक ही फसल ली जाती हो) और ऋण लेने के औसत मापदंडों से कम ऋण लेने वाले 100 कृषि-जिलों को लक्षित करना है।
राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में लागू की जाने वाली इस योजना से कृषि उत्पादकता बढ़ने, फसल विविधीकरण और कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे में सुधार के जरिये 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
ग्रामीण बेरोजगारी को दूर करने के लिए सरकार एक व्यापक ‘ग्रामीण समृद्धि और मजबूती’ कार्यक्रम लागू करेगी। सीतारमण ने कहा, ‘‘इनका लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त अवसर पैदा करना है ताकि पलायन एक विकल्प रहे, लेकिन अनिवार्यता न होने पाये।’’ यह कार्यक्रम विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं, युवा किसानों, ग्रामीण युवाओं, सीमांत और छोटे किसानों और भूमिहीन परिवारों पर केंद्रित होगा।
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