L&T Q3 Results: इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टूब्रो लिमिटेड (L&T) ने आज 30 जनवरी को FY25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 14 फीसदी बढ़ गया है। कंपनी ने इस अवधि में 3359 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है। पिछले साल की समान तिमाही में यह आंकड़ा 2947 करोड़ रुपये था। कंपनी के शेयरों में आज 0.85 फीसदी की गिरावट आई है और यह स्टॉक BSE पर 3419.80 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। कंपनी ने बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए हैं।
लार्सन एंड टूब्रो का रेवेन्यू FY25 की तीसरी तिमाही में 17 फीसदी बढ़कर 64,668 करोड़ रुपये हो गया, जबकि FY24 की तीसरी तिमाही में यह 55,128 करोड़ रुपये था। इसके ऑपरेटिंग मार्जिन या EBITDA मार्जिन में सालाना आधार पर 70 आधार अंकों की गिरावट आई और यह 9.7 प्रतिशत पर आ गया। कंपनी के ऑपरेटिंग मार्जिन में मुख्य रूप से कच्चे माल और कंपोनेंट्स की लागत में 50 फीसदी की वृद्धि और तिमाही के दौरान खपत कंस्ट्रक्शन मटेरियल में 16 फीसदी की वृद्धि के कारण गिरावट आई।
लार्सन एंड टूब्रो के दिसंबर तिमाही के नतीजे एनालिस्ट्स के अनुमान से कमजोर रहे। छह ब्रोकरेज कंपनियों के बीच मनीकंट्रोल पोल के एवरेज के अनुसार, इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर करीब 18 फीसदी बढ़कर 65,065 करोड़ रुपये होने की उम्मीद थी। वहीं, नेट प्रॉफिट 2947 करोड़ रुपये से करीब 24 फीसदी सालाना आधार पर बढ़ने की उम्मीद जताई गई थी।
एलएंडटी ने तीसरी तिमाही के दौरान ग्रुप स्तर पर 1,16,036 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 53 फीसदी की वृद्धि है, जब उसने 75,990 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए थे। रिपोर्टिंग तिमाही के दौरान, थर्मल पावर, रिन्यूएबल, पावर ट्रांसमिशन, प्रिसिज़न इंजीनियरिंग, मिनरल्स और मेटल्स, वाटर, कमर्शियल बिल्डिंग्स और हाइड्रोकार्बन ऑनशोर सहित कई सेगमेंट में ऑर्डर प्राप्त हुए। तिमाही के दौरान 62,059 करोड़ रुपये के इंटरनेशनल ऑर्डर कुल ऑर्डर इनफ्लो का 53 फीसदी थे। पिछले साल, एलएंडटी के पास 50,562 करोड़ रुपये के इंटरनेशनल ऑर्डर थे, जो इसके कुल ऑर्डर इनफ्लो का 67 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में इसका ऑपरेटिंग मार्जिन 9.7 फीसदी रहा, जबकि एक साल पहले की तिमाही में यह 10.4 फीसदी और जून तिमाही में 10.3 फीसदी था। तिमाही के दौरान कंपनी का EBITDA 6,255 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी अधिक है, लेकिन बाजार की उम्मीदों से कम है। विश्लेषकों को उम्मीद थी कि कंपनी का EBITDA एक साल पहले की तुलना में 18 प्रतिशत बढ़कर इस अवधि में लगभग 6,779.03 करोड़ रुपये हो जाएगा।