Share Market Rally: भारतीय शेयर बाजारों में बुधवार 29 जनवरी को लगातार दूसरे दिन रौनक रही। सेंसेक्स 519 अंक बढ़कर 76,420 पर पहुंच गया। वहीं निफ्टी 169 अंकों की छलांग लगाकर 23,100 के पार पहुंच गया। आज के कारोबार दौरान चौतरफा तेजी देखने को मिली। FMCG को छोड़कर बीएसई के सभी सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। सबसे अधिक तेजी आईटी, इंडस्ट्रियल्स, कैपिटल गुड्स, ऑटो और फार्मा शेयरों में देखने को मिली। शेयर बाजार में यह तेजी ऐसे समय में आई है, जब अमेरिका का केंद्रीय बैंक आज देर शाम ब्याज दरों को लेकर फैसला आएगा।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार में आज की तेजी के पीछे 3 मुख्य वजहें रहीं-
1. ग्लोबल शेयर बाजारों से मजबूत संकेत
टेक कंपनियों में शेयरों में तेजी के चलते अमेरिकी शेयर बाजार बीती रात तेजी के साथ बंद हुए। एनवीडिया के शेयरों में भी रिकवरी देखने को मिली और यह 8.9 फीसदी उछलकर बंद हुआ। नैस्डैक इंडेक्स में 2 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली। S&P 500 में भी 31 जुलाई के बाद से सबसे बड़ी उछाल देखने को मिली और यह 3.6 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ।
एशियाई शेयर बाजार भी मंगलवार को तेजी के साथ खुले। सियोल और टोक्यो में हरे निशान में कारोबार हो रहा था। वहीं शंघाई और हांगकांग के शेयर बाजार छुट्टियों के कारण मंगलवार को बंद थे।
2. छोटे और मझोले शेयरों में निचले स्तर से खरीदारी
छोटे और मझोले शेयरों में आज 29 जनवरी को जोरदार खरीदारी देखने को मिली। हालिया तेज गिरावट के बाद निवेशकों को अब इन शेयरों का वैल्यूएशन अधिक आकर्षक लग रहा है, जिसके चलते इनमें निचले स्तर पर खरीदारी देखने को मिली। कारोबार के दौरान बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 2 फीसदी, वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स 2.5 फीसदी तक उछल गया।
ट्राकॉम स्टॉक ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पार्थिव शाह ने कहा कि छोटे और मझोले शेयरों में हाल में काफी तेज गिरावट देखने को मिली थी, जिसके चलते कई सेगमेंट में वैल्यूएशन थोड़ा नीचे आया है। उन्होंने कहा, “इन शेयरों में तेजी टिकी रहेगी या नहीं, यह बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि चौथी तिमाही से आगे इनके नतीजे कैसे रहते हैं। शेयर की चाल आखिरकार अर्निंग ग्रोथ से ही तय होती है।”
हालांकि उन्होंने साथ में यह भी कहा कि हालिया गिरावट के बावजूद छोटे और मझोले शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी ऊंचा बना हुआ है और निवेशकों को इन्हें लेकर सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले 2 सालों में इन शेयरों में काफी तेजी आई थी, जिसके चलते इनके अर्निंग मल्टीपल बढ़ गए थे।
3) अमेरिका में एक से अधिक ब्याज दर कटौती की बढ़ी उम्मीदें
अमेरिका के केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को लेकर एक अहम बैठक हो रही है। ऐसी उम्मीद की जा रही है फेडरल रिजर्व इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा और इसे 4.25 – 4.50 पर्सेंट की रेंज पर बरकरार रखेगा। हालांकि शेयर बाजार की नजर इस बात पर अधिक टिकी हुई है, फेडरल रिजर्व आगे ब्याज दरों में कटौती को लेकर क्या टिप्पणी करेगी। मार्केट एनालिस्ट्स ने बताया कि एक हफ्ते पहले तक बाजार यह उम्मीद कर रहा था कि फेडरल रिजर्व इस साल सिर्फ एक ब्याज दरों को घटाएगा। लेकिन अब यह उम्मीद बढ़कर दो कटौती पर पहुंच गई है।
इस बीच जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, “शेयर बाजार का ध्यान बजट से जुड़े घटनाक्रमों पर अधिक रहेगा। फेडरल रिजर्व के फैसले का कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि उसकी पॉलिसी में तत्काल कोई बदलाव की उम्मीद नहीं है।”
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