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तूफान रोक लिया हमने, आंकड़े बता रहे हैं कितनी बड़ी बर्बादी आने वाली थी

नई दिल्‍ली: घरेलू शेयर बाजार में 2025 में अब तक करीब 3 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। कारण विदेशी निवेशकों (एफआईआई) की ताबड़तोड़ बिकवाली है। पिछले 5 महीने से ये बिक्री कर रहे हैं। 24 जनवरी को बाजार बंद होने तक एफआईआई बाजार से 69,080 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। यह 2023 की कुल निकासी से चार गुना ज्‍यादा है। यानी जितनी रकम पूरे साल में कभी एफआईआई निकालते थे, उन्‍होंने कुछ दिनों में उससे कहीं ज्‍यादा निकाल ली। जिस तरह की बिकवाली इन्‍होंने की है, वह बर्बादी लाने के लिए काफी था। हालांकि, इसे सिप के जरिये छोटी बचत करने वाले निवेशकों ने रोक लिया। इसी ने एफआईआई के बाहर जाने के दौरान पूंजी बाजार को स्थिरता दी है। एडलवाइस म्यूचुअल फंड की सीईओ राधिका गुप्ता ने सिप के औसत रिटर्न का जिक्र कर इसके फायदों के बारे में बताया है।राधिका गुप्ता ने कहा है कि SIP के जरिए निवेश करने वालों को जरूर फायदा होता है। उन्होंने बताया कि अगर बाजार औसत रिटर्न भी दे तो भी 10 साल के SIP के रिटर्न देखें। SIP से फंड मैनेजर धीरे-धीरे पूंजी लगा पाते हैं। मासिक SIP योगदान 26,000 करोड़ रुपये प्रति माह तक पहुंच गया है। राधिका गुप्ता के अनुसार, आज करोड़ों निवेशक इसका इस्तेमाल करते हैं। इस पर भरोसा करते हैं। यही भरोसा FII के बाहर जाने के दौरान हमारे पूंजी बाजार को स्थिरता देता है। उन्होंने आगे कहा कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने एक ऐसा साधन बनाया है जो न केवल निवेश की जरूरतों, बल्कि भारतीय निवेशकों की नियमित बचत की जरूरतों को भी पूरा करता है।

इस भरोसे ने ही बचा ल‍िया

राधिका गुप्ता ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्‍स’ पर लिखा, ‘आज, करोड़ों निवेशक – आम निवेशक – सिप का इस्तेमाल करते हैं और इस पर भरोसा करते हैं। यह सामूहिक विश्वास हर महीने 26,000 करोड़ रुपये का है। यही सामूहिक विश्वास FII की भारी बिकवाली के दौरान हमारे पूंजी बाजारों को स्थिरता प्रदान करता है।’

जो कई देश नहीं कर पाए हमने कर द‍िया

सिप की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक यह है कि इसने बहुत तेजी से रिटेल इक्विटी कल्‍चर बनाने में मदद की है, जो कई देश नहीं कर पा रहे हैं। राधिका गुप्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘जब मैं वैश्विक समकक्षों से मिली तो वे इस बात से प्रभावित हुए कि सिप ने इतनी जल्दी रिटेल इक्विटी कल्‍चर बनाने में कैसे मदद की, जो कई देश नहीं कर पा रहे हैं।’

सीईओ के अनुसार, यह प्रगति उन दिनों से एक बदलाव है जब इक्विटी बाजारों को सट्टा माना जाता था। आज लोग नियमित रूप से बचत करने और बड़े सिप पोर्टफोलियो बनाने की इच्छा रखते हैं।

सीईओ ने सिप को बचत के साथ विकास का आसान समाधान माना है। कहा है कि इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए, बल्कि इसे सेलिब्रेट किया जाना चाहिए।

उन्होंने लिखा, ‘एक महत्वपूर्ण भारतीय आवश्यकता के लिए यह सेविंग्‍स के साथ ग्रोथ का समाधान उत्सव के योग्य है, न कि उपहास के। म्यूचुअल फंड को घोटाला और खुदरा निवेशकों को नासमझ बताने वाले क्लिकबैट लेख हमारे नागरिकों के लिए किसी काम के नहीं हैं।’

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