कोल इंडिया ने अपने वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। इस बार के आंकड़े कुछ मीठे, कुछ फीके रहे। जहां सालाना आधार पर कंपनी के प्रदर्शन में गिरावट नजर आई, वहीं तिमाही आधार पर चीजें थोड़ी सुधरी हुई दिखीं। अगर पिछले साल की तीसरी तिमाही (Q3FY24) से तुलना करें, तो कोल इंडिया का मुनाफा 17.1% गिरकर ₹8,505.6 करोड़ पर आ गया। वहीं, राजस्व में भी 1% की हल्की गिरावट हुई और यह ₹35,779.8 करोड़ पर सिमट गया। EBITDA यानी ऑपरेशनल प्रॉफिट में भी 5% की कमी आई, और इसका मार्जिन 35.9% से घटकर 34.4% हो गया।
तिमाही में कंपनी ने दिखाई मजबूती
पिछली तिमाही (Q2FY25) से तुलना करें, तो कोल इंडिया ने शानदार वापसी की है। मुनाफा 35.2% बढ़कर ₹8,505.6 करोड़ पर पहुंच गया। राजस्व में भी 16.6% की अच्छी-खासी बढ़त हुई, और यह ₹35,779.8 करोड़ पर आ गया। EBITDA में भी 42.9% का इजाफा देखने को मिला, और इसका मार्जिन 28.1% से बढ़कर 34.4% हो गया।
डिविडेंड का तोहफा
कंपनी ने अपने शेयरधारकों को खुश करने के लिए FY25 का दूसरा अंतरिम डिविडेंड ₹5.60 प्रति शेयर घोषित किया है। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 31 जनवरी 2025 तय की गई है, और भुगतान 26 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। 28 जनवरी को कोल इंडिया के शेयर बीएसई पर 2.03% गिरकर ₹367.75 पर पहुंच गए। यह कीमत इसके 52-सप्ताह के लो ₹361.30 के करीब है।
ब्रोकरेज की राय: खरीदें, बेचें या होल्ड करें?
कोल इंडिया के प्रदर्शन पर ब्रोकरेज हाउसों के अलग-अलग विचार हैं।
- मोतीलाल ओसवाल का कहना है कि Q3FY25 के नतीजे पिछले कमजोर Q2FY25 के मुकाबले बेहतर रहे हैं। उन्होंने ‘Buy’ रेटिंग देते हुए ₹480 का टारगेट दिया है। इस हिसाब से कंपनी का शेयर करीब 30 फीसदी उछल सकता है। उनका मानना है कि e-ऑक्शन वॉल्यूम और प्रीमियम में बढ़त से कंपनी को फायदा हुआ है।
- कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी पर ‘Sell’ रेटिंग देते हुए ₹360 का टारगेट रखा है। उनका कहना है कि वॉल्यूम ग्रोथ कमजोर है, और औसत रियलाइजेशन में गिरावट आई है।
- नुवामा ने ‘Hold’ रेटिंग दी है और टारगेट प्राइस ₹419 रखा है। उन्होंने कमजोर e-ऑक्शन प्राइस और वॉल्यूम ग्रोथ को नतीजों के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
- मॉर्गन स्टेनली ने इसे ‘Overweight’ रेटिंग के साथ ₹525 का टारगेट दिया है। इस टारगेट के हिसाब से लॉन्ग टर्म में यह स्टॉक 42% तक रिटर्न दे सकता है।
- जेपी मॉर्गन ने ‘Neutral’ रेटिंग देते हुए ₹435 का लक्ष्य रखा है।
ब्रोकरेज के मुताबिक, कोल इंडिया अब खदानों का विस्तार और कोल वॉशर क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है। कंपनी की योजना है कि इन प्रोजेक्ट्स को इंटरनल फंडिंग से पूरा किया जाए। साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा और कोल गैसीफिकेशन जैसे प्रोजेक्ट्स के लिए फंड की जरूरत हो सकती है।
कंपनी के शेयर फिलहाल 3.3x FY27E EV/EBITDA पर कारोबार कर रहे हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि वॉल्यूम ग्रोथ और e-ऑक्शन प्रीमियम में स्थिरता कंपनी के लिए आगे फायदेमंद साबित हो सकती है।