Stock market : भारतीय इक्विटी इंडेक्स ने दो दिन की गिरावट का सिलसिला तोड़ दिया और 28 जनवरी को निफ्टी 22,950 पर बंद हुआ। कारोबारी सत्र के अंत में सेंसेक्स 535.24 अंक या 0.71 फीसदी बढ़कर 75,901.41 पर और निफ्टी 128.1 अंक या 0.56 फीसदी बढ़कर 22,957.25 पर बंद हुआ। आज लगभग 1116 शेयरों में तेजी आई, 2429 शेयरों में गिरावट आई और 84 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.6 फीसदी की गिरावट आई। जबकि स्मॉलकैप इंडेक्स में 1.7 फीसदी की गिरावट आई।
निफ्टी पर एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व, श्रीराम फाइनेंस और बजाज फाइनेंस आज के टॉप गेनर रहे। जबकि सन फार्मा, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, आयशर मोटर्स, ग्रासिम इंडस्ट्रीज और एलएंडटी आज के टॉप लूजर रहे। सेक्टरों में ऑटो, बैंक, रियल्टी इंडेक्सों में 1-2 फीसदी की बढ़त हुई। जबकि कैपिटल गुड्स,पावर,मेटल, तेल और गैस, एफएमसीजी, हेल्थ सर्विस और आईटी में 0.5-1 फीसदी की गिरावट आई।
आगे कैसी रह सकती है बाजार की चाल
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि ब्रॉडर मार्केट में बिकवाली जारी रही लेकिन बैंकिंग और ऑटो सेक्टर की अगुआई में फ्रंटलाइन इंडेक्स में तेजी आई। मिड और स्मॉलकैप शेयरों ने दिन के दौरान अपने अधिकांश नुकसान की भरपाई की। हालांकि,वे उच्च स्तरों पर टिक नहीं पाए। भारी उतार-चढ़ाव के बाद निफ्टी 128.10 अंकों की बढ़त के साथ 22,957.25 पर बंद हुआ। रियल्टी सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला सेक्टर रहा,उसके बाद पीएसयू बैंक रहे। जबकि फार्मा और एनर्जी पिछड़ गए। मिड और स्मॉलकैप में 0.51 और 1.81 फीसदी की गिरावट के साथ ब्रॉडर मार्केट ने अपने खराब प्रदर्शन को जारी रखा।
इंडेक्स में लॉन्ग-लेग्ड DOJI कैंडलस्टिक पैटर्न के साथ संभावित ट्रेंड रिवर्सल के संकेत दिख रहे है। RSI में बुलिश डाइवर्जेंस हो सकता है। 23100 से ऊपर की क्लोजिंग से इसकी पुष्टि होगी। निफ्टी के लिए तत्काल रजिस्टेंस 23100 पर है और सपोर्ट 22800 पर है।
शेयरखान के रिसर्च हेड संजीव होता ने मनीकंट्रोल से कहा कि FOMC और बजट 2025 तक बाजार में उतार-चढ़ाव रहने की संभावना है। FOMC की बैठक के अलावा बजट के बाद RBI की बैठक भी अहम इवेंट है। इसके साथ ही,तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन भी चल रहा है। इस सबके चलते उतार-चढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है। लेकिन बाजार में शॉर्ट पोजीशन की मात्रा को देखते हुए,हम कभी-कभार उछाल भी देखने को मिल सकता है, जैसा कि हमने आज हा देखा है। RBI के लिक्विडिटी उपायों से उत्साहित होकर मुख्य रूप से लार्ज कैप में सुधार देखने को मिला। हालांकि उम्मीद है कि बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी।
उन्होंने आगे कहा “हम अभी जो देख रहे हैं,वह 2018-19 के पिछले साइकिल के समान है। उस साइकिल में मिड-कैप इंडेक्स लगभग 40 फीसदी गिर गया था। स्मॉल-कैप इंडेक्स में भी इसी तरह की गिरावट आई थी। इस तरह के चक्र आमतौर पर 12-18 महीने तक चलते हैं। मुझे अगले 2-3 महीनों में मिड-कैप और स्मॉल कैप में और अधिक करेक्शन की उम्मीद है।”
जनवरी में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारतीय इक्विटी बाजारों में 74,000 करोड़ रुपये से अधिक की बिकवाली की है। बाजार जानकारों का कहना है कि व्यापक आर्थिक मंदी,कॉर्पोरेट आय में गिरावट और रुपये की कमजोरी एफआईआई की बिकवाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। संजीव होता ने आगे कहा,”अगले 2-3 महीनों में,हम FIIs की तरफ से और अधिक निकासी देख सकते हैं। दिसंबर से लॉन्ग-ओनली फंडों ने निवेश करना शुरू कर दिया है। अधिकांश बिकवाली ईटीएफ से हुई है और यह ट्रेंड कुछ समय तक जारी रह सकता है।”
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