मोबिक्विक (MobiKwik) भारत में पूर्ण सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट- ई-रूपी (e₹) लॉन्च करने वाली पहली फिनटेक कंपनी बन गई है। कंपनी ने रिजर्व बैंक (RBI) और यस बैंक (Yes Bank) के साथ मिलकर यह वॉलेट लॉन्च किया है। e₹ वॉलेट अब मोबीक्विक के सभी एंड्रॉयड यूजर्स के पास उपलब्ध है और यह पीयर-टू-पीयर (P2P) और पीयर-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजैक्शंस की सुविधा देता है। यूजर्स e₹ का इस्तेमाल कर किसी भी UPI QR कोड को स्कैन कर भुगतान कर सकते हैं, क्योंकि वॉलेट अब यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के साथ पूरी तरह से जुड़ा है।
मोबिक्विक के जो मौजूदा यूजर अपना केवाईसी (KYC) पूरा कर चुके हैं, वे तत्काल e₹ वॉलेट खोलकर अपने बैंक खातों से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। नए यूजर्स को इस फीचर को ऐक्सेस करने के लिए वीडियो केवाईसी प्रोसेस पूरा करनी होगी। वॉलेट में रोजाना 50,000 रुपये तक का ट्रांजैक्शन किया जा सकता है और इसकी लिमिट 10,000 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन है। इसमें 0.50 रुपये से 500 रुपये के डिनॉमिनेशन की सुविधा उपलब्ध है।
मोबिक्विक (MobiKwik) के को-फाउंडर और मैनेजिंग डायरेक्टर बिपिन प्रीत सिंह ने बताया, ‘e₹ की मदद से भारतीय रुपये को डिजिटल बनाने और डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। हमारा मकसद देशभर में इसके प्रचलन को बढ़ाना और कैश पर निर्भरता कम करना है।’ रिजर्व बैंक ने शुरू में सिर्फ बैंकों को डिजिटल करेंसी की सुविधा उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी। हालांकि, अप्रैल 2024 में इसका दायरा बढ़ाकर नॉन-बैंकिंग इकाइयों तक कर दिया गया।
मोबीक्विक अपने इनोवेटिव नजरिये के लिए जानी जाती है और उसे रिजर्व बैंक के CBDC प्रोजेक्ट से जुड़ने के लिए न्योता दिया गया था और उसने रिकॉर्ड टाइम में यह सर्विस लॉन्च की है। मोबीक्विक की शुरुआत 2009 में हुई थी और यह मार्केट शेयर के लिहाज से देश का सबसे बड़ा डिजिटल वॉलेट है। कंपनी के पास 167 यूजर और 44 लाख मर्चेंट्स हैं।
