Index trading : खराब ग्लोबल संकेतों से बाजार का मूड बिगड़ गया है। सेंसेक्स-निफ्टी में आज 1 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भारी बिकवाली रही। आज स्मॉलकैप इंडेक्स 3.5 फीसदी से ज्यादा फिसलकर बंद हुआ। BSE के सभी सेक्टर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है। आज IT, मेटल और फार्मा इंडेक्स सबसे ज्यादा गिरे। एनर्जी, तेल-गैस और रियल्टी शेयरों में दबाव देखने को मिला है। सेंसेक्स 824 प्वाइंट गिरकर 75,366 पर बंद हुआ है। वहीं, निफ्टी 263 प्वाइंट गिरकर 22,829 पर बंद हुआ है। बैंक निफ्टी भी 303 प्वाइंट गिरकर 48,065 पर बंद हुआ है। मिडकैप 1467 प्वाइंट गिरकर 51,796 पर बंद हुआ है।
कोटक सिक्योरिटीज श्रीकांत चौहान का कहना है कि आज भी बेंचमार्क सूचकांकों में गिरावट जारी रही। सभी सेक्टोरल इंडेक्सों में उच्च स्तरों पर मुनाफावसूली देखी गई। कैपिटल मार्केट और मीडिया इंडेक्स में सबसे अधिक गिरावट आई। कैपिटल मार्केट इंडेक्स में 5.6 फीसदी और मीडिया इंडेक्स में 4.5 फीसदी की गिरावट आई। तकनीकी नजरिए से देखें तो गैप-डाउन ओपनिंग के बाद बाजार में लगातार उच्च स्तरों पर बिक्री के दबाव बना रहा और डेली चार्ट पर एक बियरिश कैंडल बना और इंडेक्स 23,000/76300 अंक से नीचे बंद हुए। ये काफी हद तक निगेटिव संकेत है। ऐसे में बाजार की मौजूदा बनावट कमजोर और वोलेटाइल है। इसको ध्यान में रखते हुए डे ट्रेडरों के लिए लेवल बेस्ड ट्रेड सबसे बेहतर रणनीति होगी। 23,000/76300 का स्तर काफी अहम है। इस पर नजर रखें। जब तक यह इस लेवल नीचे कारोबार होता रहेगा तब तक कमजोर भावना जारी रहने की संभावना है।
नीचे की ओर बाजार 22,750-22,650/75200-74800 तक फिसल सकता है। हालांकि, अगर यह 23,000/76300 से ऊपर जाने में कमयाब रहता है तो सेंटीमेंट सुधर सकता है। इस स्तर से ऊपर जाने पर निफ्टी में 23,100-23,150/76700-76900 तक पहुंचने तक पुलबैक फॉर्मेशन जारी रहने की संभावना है।
प्रोग्रेसिव शेयर्स के निदेशक आदित्य गग्गर का कहना है कि बाजार लगातार मंदड़ियों के नियंत्रण में है। मिड और स्मॉलकैप सेगमेंट में आज काफी नुकसान हुआ। जिससे इंडेक्स पर दबाव बना और वह नीचे की ओर फिसल गया। दिन के दौरान,निफ्टी ने 22,800 के अपने अहम सपोर्ट लेवल को तोड़ दिया। निफ्टी ने आज 22,800 पर अपने लॉन्ग टर्म ट्रेंडलाइन सपोर्ट के छू लिया। अब अगर निफ्टी इस लेवल से नीचे जाता है तो संभवतः इसमें 22,300-22,500 तक की गिरावट देखने को मिल सकती है। इसके विपरीत,ट्रेंड रिवर्सल की पुष्टि के लिए 23,400 से ऊपर एक निर्णायक क्लोजिंग जरूरत है। निफ्टी के लिए तत्काल रेजिस्टेंस और सपोर्ट अब 23,000 और 22,660 पर दिख रहे हैं।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के विनोद नायर का कहना है कि ग्लोबल मार्केट की कमजोरी का असर भारतीय बाजार पर भी दिखा। महंगे वैल्यूएशन के कारण मिड और स्मॉल कैप में गिरावट जारी रही। आर्थिक विकास में नरमी और रुपये में गिरावट के कारण एफआईआई बिकवाली कर रहे हैं। अमेरिका में ट्रेड वॉर में तेजी के कारण कमजोरी की भावनाएं और भी बढ़ गईं। कोलंबिया के साथ अमेरिकी टकराव में मूड खराब कर दिया। FOMC बैठक,एक्सपायरी वीक और केंद्रीय बजट जैसी आगामी घटनाओं से जुड़े जोखिम के कारण इस हफ्ते बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहेगी।
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