दिसंबर 2024 तिमाही में कोल इंडिया का नेट प्रॉफिट थोड़ा सा सुस्त रह सकता है। इस दौरान कंपनी का ई-ऑक्शन प्रीमियम कमजोर रहने की वजह से रेवेन्यू में भी सुस्ती रहने के आसार हैं। हालांकि, इस असर की थोड़ी सी भरपाई अपेक्षाकृत ऊंची वॉल्यूम से हो सकती है। कोल माइनिंग कंपनी के दिसंबर तिमाही के नतीजे 27 जनवरी जारी किए जाएंगे।
पांच ब्रोकरेज फर्मों के मनीकंट्रोल के पोल में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 22 पर्सेंट की गिरावट के साथ 7,090.5 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। हालांकि, नेट प्रॉफिट में तिमाही आधार पर 13 पर्सेंट की ग्रोथ के आसार हैं। मनीकंट्रोल के पोल के मुताबिक, कंपनी का रेवेन्यू सालाना आधार पर 4 पर्सेंट की गिरावट के साथ 34,786 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। हालांकि, तिमाही आधार पर इसमें भी बढ़ोतरी दिख सकती है।
दिसंबर 2024 तिमाही में कोल इंडिया का इबिट्डा सालाना आधार पर 2 पर्सेंट गिरकर 11,160 करोड़ रुपये रह सकता है। तिमाही आधार पर कंपनी की वॉल्यूम में बेहतरी इबिट्डा की रिकवरी में अहम भूमिका निभा सकती है। वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में कोल इंडिया ने सालाना 2 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 20.2 करोड़ टन कोयले का उत्पादन किया, जबकि तिमाही आधार पर इसमें 32.8 पर्सेंट की बढ़ोतरी रही।
कंपनी के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी में SECL और MCL सब्सिडियरीज का अहम योगदान रहा। दिसंबर 2024 तिमाही में कंपनी की डिलीवरी सालाना 1 पर्सेंट और तिमाही आधार पर 16.1 पर्सेंट की बढ़ोतरी के साथ 19.3 करोड़ टन रही। कोल इंडिया की तिमाही परफॉर्मेंस में खास तौर पर ई-ऑक्शन से होने वाले रेवेन्यू पर नजर रहेगी।