24 जनवरी को खत्म हफ्ते में निफ्टी में 048 पर्सेंट की गिरावट रही और ट्रेडर्स अनिश्चितता के भंवर में फंसे नजर आए। दरअसल, बाजार किसी निश्चित दिशा का संकेत नहीं दे पाया। पिछले हफ्ते की रेंज में ही घूमता-फिरता सूचकांक अनिश्चितता के संकेतों के साथ चला है और इस पर अभी भी बेयरिश सेंटीमेंट हावी दिख रहा है।
तकनीकी तौर पर इंडेक्स 10 दिन के EMA (एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज) के अंदर है और यह 23,300–23,400 के स्तर पर मजबूत रेजिस्टेंस का सामना करना पड़ रहा है। यह घटनाक्रम बुलिश ताकतों के घटते प्रभाव की तरफ इशारा करता है। साथ ही, यह जोखिम भरे शॉर्ट टर्म आउटलुक की तस्वीर भी पेश करता है।
23,400 से 23,000 की ट्रेडिंग रेंज बुल्स और बेयर्स के बीच रस्साकशी का संकेत देती है और दोनों पक्ष सक्रियतापूर्वक ऑप्शंस मार्केट में अपनी पोजिशन मजबूत करते हैं। मार्केट सेंटीमेंट और कमजोर बनाने में मैक्रोइकोनॉमिक चिंताओं की भी भूमिका हो सकती है, जिनमें अमेरिकी टैरिफ विवाद, ट्रेड पॉलिसी और फेडरल रिजर्व के आगामी फैसले अहम हैं। हर बाजार की तेजी के बाद प्रॉफिट बुकिंग का असर साफ तौर पर देखा जा सकता है और इंडेक्स प्रमुख मूविंग एवरेज से नीचे ट्रेड कर रहे हैं, लिहाजा आउटलुक थोड़ा सुस्त नजर आता है।
ओपन इंटरेस्ट (OI) ट्रेंड्स: बेयरिश टोन
निफ्टी फ्यूचर्स OI 1.732 करोड़ शेयर से बढ़कर 1.963 करोड़ शेयर पर पहुंच गया यानी इसमें 23.1 लाख शेयरों की शानदार बढ़ोतरी हुई। इंडेक्स में 0.48 पर्सेंट की बढ़ोतरी और ओपन इंटरेस्ट में तेज बढ़ोतरी से पता चलता है कि बेयरिश ट्रेडर्स अपनी शॉर्ट पोजिशन को डबल कर रहे हैं। ओपन इंटरेस्ट में बढ़ोतरी बेयरिश ट्रेंड का सिलसिला जारी रहने की पुष्टि करती है, जबकि सेंटीमेंट पूरी तरह से कमजोर बना हुआ है।
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