गणतंत्र दिवस पर ध्वज पहले से पोल के ऊपर होता है और उसे बस खोला जाता है, जो यह दर्शाता है कि देश पूरी तरह से स्वतंत्र और स्व-शासित है और अपने संविधान के तहत काम कर रहा है। यह प्रक्रिया भारत के लोकतांत्रिक शासन और उसकी ताकत को दिखाती है। वहीं स्वतंत्रता दिवस को प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर ध्वज फहराते हैं। ध्वज को पोल के नीचे से ऊपर की ओर उठाया जाता है, जो यह दिखाता है कि भारत ने 1947 में ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और अब एक स्वतंत्र देश बन चुका है। जबकि गणतंत्र दिवस पर ध्वज को पोल को नीचे से उपर नहीं ले जाते बल्कि ध्वज पोल के उपर ही लगा रहता है, इस प्रक्रिया को ध्वजारोहण कहते हैं। ध्वजारोहण का मतलब है कि देश पहले से ही स्वतंत्र है और संविधान द्वारा शासित है।