Mutual Funds: इक्विटी म्यूचुअल फंडों में 2024 में लगभग चार लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ। यह राशि इससे पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है, जो निवेशकों के मजबूत भरोसे को दिखाता है। साथ ही निवेशक अब सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये लंबी अवधि के निवेश को अधिक अहमियत दे रहे हैं। हालांकि, 2024 में मजबूत प्रदर्शन के बावजूद 2025 के लिए आउटलुक थोड़ा सतर्क नजर आ रहा है।
जर्मिनेट इन्वेस्टर सर्विसेज के को-फाउंडर और CEO संतोष जोसेफ ने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्योग ने दिसंबर की शुरुआत से इक्विटी फंड प्रवाह में मंदी देखनी शुरू कर दी है। बाजार में बढ़ती अस्थिरता के चलते ऐसा देखने को मिल रहा है।
ऐतिहासिक रूप से, इक्विटी फंडों में निवेश बाजार के प्रदर्शन से जुड़ा रहा है, और बाजार की अनिश्चितता की अवधि में अक्सर निवेशक गतिविधियां कम हो जाती हैं। जोसेफ ने कहा कि ऐसे में 2025 में नए फंड की पेशकश और इक्विटी फंड जुटाने के मामले में सुस्ती देखी जा सकती है। हालांकि, संतोष जोसेफ ने कहा कि लंबे समय के निवेशक बाजार की स्थिरता आने पर इक्विटी मार्केट की संपत्ति बनाने की क्षमता से लाभ उठाते हुए अपनी निवेश यात्रा जारी रख सकते हैं।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के डेटा के अनुसार, 2024 में इक्विटी और इक्विटी-ओरिएंटेड स्कीम्स में कुल निवेश 3.94 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2023 के 1.61 लाख करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है।
इक्विटी निवेश में मजबूत वृद्धि ने म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी में योगदान दिया। दिसंबर 2024 तक AUM बढ़कर 30.57 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल के 21.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। इस वृद्धि का मुख्य कारण लगातार अच्छा बाजार प्रदर्शन, वित्तीय जागरूकता में सुधार और सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स (SIPs) की बढ़ती लोकप्रियता है।
बजाज फिनसर्व AMC के CEO गणेश मोहन ने बताया कि खुदरा निवेशक अब इक्विटी को संपत्ति निर्माण का एक अहम उपकरण के रूप में देख रहे हैं। उन्होंने कहा, “बाजार के लगातार अच्छा प्रदर्शन और निवेश प्रक्रियाओं के डिजिटलीकरण ने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स को निवेशकों के लिए और अधिक सुलभ बना दिया है, और SIPs का व्यापक उपयोग निवेश को बढ़ाने में मदद कर रहा है।”