शेयर बाजार में इस हफ्ते उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। बजट 2025, कंपनियों के तिमाही नतीजों, डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा, ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा, FII-DII फ्लो और अपकमिंग IPO पर बाजार की नजर रहेगी।
ऐसे फैक्टर्स जिनसे इस हफ्ते में बाजार की चाल तय होगी…
बजट 2025
1 फरवरी को पेश होने वाले बजट 2025 पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद है कि वह खपत को बढ़ावा देने वाले और आर्थिक विकास को सपोर्ट करने वाले उपायों पर फोकस करेंगी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 के लिए राजकोषीय घाटा GDP का 4.7-4.8% रहेगा, जबकि बजट अनुमान 4.9% है। सरकार ने वित्त वर्ष 2026 के लिए इसके 4.4-4.5% रहने का अनुमान लगाया है। बजट से पहले पीएसयू और कैपेक्स थीम वाले शेयरों जैसे- रेलवे, रक्षा और कैपिटल गुड्स पर फोकस किया जाएगा।
कंपनियों के तिमाही नतीजों
इस हफ्ते 500 से ज्यादा कंपनियां दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी करेंगी। इनमें कोल इंडिया, ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन, टाटा स्टील, बजाज ऑटो, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी पोर्ट्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
इसके अलावा, हुंडई मोटर इंडिया, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, गेल इंडिया, एसीसी, अंबुजा सीमेंट्स, अडाणी टोटल गैस, अडाणी विल्मर, BHEL, सुजलॉन एनर्जी, टीवीएस मोटर और अडाणी पावर जैसी कई दूसरी बड़ी कंपनियां भी तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करेंगी।
डोमेस्टिक इकोनॉमिक डेटा
दिसंबर के लिए वित्तीय घाटे और इंफ्रास्ट्रक्चर आउटपुट का डेटा 31 जनवरी को आएगा। इसके अलावा 17 जनवरी को समाप्त 15 दिनों के टाइम पीरियड के लिए बैंक लोन और डिपॉजिट ग्रोथ के डेटा और 24 जनवरी को खत्म हुए सप्ताह के लिए फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व का डेटा भी उसी दिन जारी किया जाएगा।
फेड ब्याज दर और अमेरिकी GDP
ग्लोबल लेवल पर मार्केट पार्टिसिपेंट्स की नजर नए साल 2025 में अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की पहली मीटिंग के नतीजों और अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए अमेरिकी GDP ग्रोथ के एडवांस एस्टिमेट्स पर रहेगी।
इकोनॉमिस्ट को उम्मीद है कि 28-29 जनवरी को फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) की मीटिंग में फेडरल रिजर्व, फेड फंड रेट को 4.25-4.5% की रेंज में रखेगा। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने पिछली मीटिंग में साल 2025 में ब्याज दरों में केवल दो बार कटौती का संकेत दिया था।
फेड के फैसले के अलावा अमेरिका में नए घरों की बिक्री, नौकरियों के साप्ताहिक आंकड़ों, व्यक्तिगत आय और खर्च, रियल कंज्यूमर स्पेंडिंग के आंकड़ों पर भी बाजार की नजर रहेगी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल। (फाइल फोटो)
ग्लोबल इकोनॉमिक डेटा
यूरोपीय सेंट्रल बैंक के कदम और अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के लिए GDP ग्रोथ के फ्लैश डेटा पर भी बाजार की नजर रहेगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगले सप्ताह की मीटिंग में यूरोपीय सेंट्रल बैंक ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करेगा। 29 जनवरी को होने वाली बैंक ऑफ जापान की मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के मिनट्स पर भी नजर रखी जाएगी।
FII-DII फ्लो
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) की एक्टिविटी पर भी बाजार की नजर रहेगी। वे अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और डॉलर इंडेक्स में गिरावट के बावजूद भारत में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। FII ने पिछले सप्ताह 22,500 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जिससे जनवरी में उनकी ओर से कुल बिकवाली 69,080 करोड़ रुपए हो गई।
दूसरी ओर डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) ने जनवरी में अब तक 66,945 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। इस सप्ताह के दौरान यूएस के 10-वर्षीय बॉन्ड की यील्ड 0.13% घटकर 4.617 रह गई। यूएस डॉलर इंडेक्स 1.77% घटकर 107.465 पर आ गया।
इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO)
इस हफ्ते में केवल 2 नए पब्लिक इश्यू ओपन हो रहे हैं। 29 जनवरी को मालपानी पाइप्स एंड फिटिंग्स और डॉ अग्रवाल्स हेल्थकेयर के IPO ओपन होंगे। लिस्टिंग की बात करें तो 27 जनवरी को BSE SME पर कैपिटल नंबर्स इन्फोटेक की लिस्टिंग होगी।
इसके बाद 29 जनवरी को मेनबोर्ड सेगमेंट में BSE और NSE पर डेंटा वाटर एंड इंफ्रा सॉल्यूशंस के शेयर लिस्ट होंगे। इसी दिन NSE SME पर रेक्सप्रो एंटरप्राइजेज की लिस्टिंग होगी।
BSE SME पर 30 जनवरी को CLN एनर्जी के शेयर लिस्ट होंगे। वहीं 31 जनवरी को BSE SME पर एच.एम. इलेक्ट्रो मेक और GB लॉजिस्टिक्स कॉमर्स की लिस्टिंग होगी।
पिछले हफ्ते सेंसेक्स 592 अंक गिरा था
पिछले हफ्ते सेंसेक्स 592 अंक यानी 0.77% गिरा है। निफ्टी में भी बीते सप्ताह 116 (-0.50%) की गिरावट रही। वहीं शुक्रवार यानी 24 जनवरी को सेंसेक्स 329 अंक की गिरावट के साथ 76,190 के स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी में भी 113 अंक की गिरावट रही, ये 23,092 के स्तर पर बंद हुआ था।