बाजार में निरंतर हो रही बिकवाली से भारत के शेयर बाजार का मूल्यांकन घटकर कम से कम 30 महीने के निचले स्तर पर आ गया है। वर्तमान में बेंचमार्क सेंसेक्स 21.9 गुना प्राइस टु अर्निंग मल्टीपल (पीई) पर कारोबार कर रहा है जो जून 2022 के बाद सबसे कम है। अगर जून 2022 की अवधि को छोड़ दें तो सेंसेक्स का वर्तमान मूल्यांकन जून 2020 के बाद सबसे कम है।
आंकड़ों से पता चलता है कि सेंसेक्स का वर्तमान मूल्यांकन बीते समय में इसके सामान्य मूल्यांकन से काफी कम है। पिछले 8 साल में केवल दो बार ऐसा मौका आया जब सूचकांक का मूल्यांकन कम था। कोविड महामारी के समय मार्च-जून 2020 की अवधि में और जून 2022 में कोरोना खत्म होने के बाद बाजार में तेज गिरावट आई थी।
इसकी तुलना में जनवरी 2024 में सूचकांक 24.6 गुना पीई पर और सितंबर 2024 में 24.75 गुना पीई पर कारोबार कर रहा था। अभी सूचकांक 10 साल के औसत मूल्यांकन 24.1 गुना से करीब 9.2 फीसदी कम पर कारोबार कर रहा है। सूचकांक के मूल्यांकन में लगातार गिरावट का मतलब है कि शेयर का भाव प्रति शेयर अंतर्निहित आय में वृद्धि के अनुरूप नहीं है।
उदाहरण के लिए पिछले 12 महीने में सेंसेक्स जनवरी 2024 के 71,752.1 अंक से 6.2 फीसदी बढ़कर 23 जनवरी, 2025 को 76,190.5 पर पहुंच गया। इस दौरान सूचकांक की अंतर्निंहित प्रति शेयर आय जनवरी 2024 के 2,921.5 रुपये से 19.2 फीसदी बढ़कर गुरुवार को 3,483.8 रुपये रही। बीते तीन साल में जनवरी 2022 से अभी तक सूचकांक 31.3 फीसदी चढ़ा है जबकि इस दौरान सूचकांक में शामिल 30 कंपनियों की कुल आय 61.5 फीसदी बढ़ी है।
इसके उलट 2011 से 2021 के दौरान करीब एक दशक के बीच सूचकांक प्रति शेयर आय वृद्धि की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ा था, जिससे पीई गुणक में भी इजाफा हुआ था। नवंबर 2011 के अंत में सूचकांक का पीई 17.6 गुना था जो मार्च 2021 में बढ़कर 34.3 गुना के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था।
सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में शोध और इक्विटी स्ट्रैटजी के सह-प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘हाल के वर्षों में आय में अच्छी वृद्धि के बावजूद सूचकांक मूल्यांकन अनुपात में लगातार गिरावट से संकेत मिलता है कि निवेशक आगे के आय परिदृश्य को लेकर चिंतित हैं। बड़े निवेशकों खास तौर पर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को आशंका है कि प्रति शेयर आय में मौजूदा स्तर से और गिरावट आ सकती है। यही वजह है कि वे बाजार में बिकवाली कर रहे हैं।’
विदेशी निवेशकों ने इस महीने 23 जनवरी तक 58,804 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। सिन्हा ने कहा कि यह भी हो सकता है कि अमेरिका जैसे अन्य बाजारों में तेज आय वृद्धि की उम्मीद में वे बिकवाली कर रहे हों।
मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों के अनुसार निफ्टी 50 की प्रति शेयर आय चालू वित्त वर्ष में सालाना आधार पर महज 4 फीसदी बढ़ी है जो वित्त वर्ष की शुरुआत में 18 फीसदी वृद्धि के अनुमान से काफी कम है।