श्रीलंका सरकार ने अदाणी ग्रुप (Adani Group) के साथ पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत बिजली टैरिफ की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का ऐलान किया है। कमेटी की नियुक्त श्रीलंकाई कैबिनेट द्वारा की जाएगी। सीएनबीसी-टीवी18 के सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है। इससे पहले श्रीलंका की सरकार ने रनिल विक्रमसिंघे की अगुवाई वाली पिछली सरकार के टैरिफ संबंधी फैसले को वापस ले लिया था। हालांकि, विंड पावर प्रोजेक्ट्स से जुड़ी डील में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
सरकार ने मई 2024 में राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की अगुवाई वाली सरकार ने अदाणी ग्रीन एनर्जी से 8.2 सेंट प्रति किलोवॉट की दर पर बिजली खरीदने पर सहमति जताई थी। इसके तहत विंड पावर प्रोजेक्ट्स के डिवेलपमेंट के लिए 20 साल का समझौता हुआ था। इसके तहत 484 मेगावॉट बिजली पैदा करने का लक्ष्य है। हालांकि, अनुरा कुमारा की अगुवाई वाली नई सरकार ने इस टैरिफ को वापस लेने का फैसला किया है, जबकि डील की बाकी शर्तें सही हैं। ये कमेटियां अब शर्तों में बदलाव कर टैरिफ की समीक्षा करेंगी।
अदाणी ग्रुप ने बयान जारी कर उन खबरों को खारिज किया है, जिनमें मन्नार और पूनेरयन की 484 मेगावॉट के विंड पावर प्रोजेक्ट्स को रद्द करने की बात कही जा रही है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि श्रीलंका सरकार के साथ स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस जारी है। साथ ही, कंपनी ने श्रीलंका के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में 1 अरब डॉलर निवेश करने की अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया।
कंपनी के प्रवक्ता ने बताया, ‘ मई 2024 में मंजूर टैरिफ की फिर से समीक्षा करने का श्रीलंकाई कैबिनेट का फैसला स्टैंडर्ड रिव्यू प्रोसेस का हिस्सा है, खास तौर पर नई सरकार के आगमन के बाद यह सुनिश्चित किया जाना है कि शर्तें उनकी प्राथमिकताओं और एनर्जी पॉलिसी के मुताबिक है। प्रोजेक्ट को रद्द नहीं किया गया है।’