Stock Market Today, January 24: भारतीय शेयर बाजार की आज यानी शुक्रवार को हल्की बढ़त के साथ खुलने की संभावना है। ग्लोबल मार्केट्स से मिल रहे मजबूत संकेतों का भारतीय बाजारों को सहारा मिल सकता है। एशिया पैसिफिक बाजार शुक्रवार सुबह तेजी के साथ कारोबार कर रहे हैं, जो वॉल स्ट्रीट की मजबूती का असर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ब्याज दरें कम करने और तेल की कीमतें घटाने पर जोर दिया, जिससे बाजारों को सकारात्मक संकेत मिले।
हालांकि, कमजोर तिमाही नतीजों और ऊंचे स्तरों पर बिकवाली का दबाव भारतीय शेयर बाजारों को निकट भविष्य में सीमित दायरे में रख सकता है। विदेशी निवेशकों द्वारा शेयरों की बिकवाली भी बाजार में दबाव बनाए रख सकती है।
सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच, GIFT निफ्टी इंडेक्स भारतीय शेयर बाजार के लिए बढ़त के साथ शुरुआत का संकेत दे रहा है। सुबह 7:00 बजे इंडेक्स 36 अंकों की बढ़त के साथ 23,299 के स्तर पर ट्रेड करता दिखा।
इसके अलावा, आज शेयर बाजार 81 घरेलू कंपनियों के Q3 नतीजों पर नजर रखेगा। साथ ही, भारत, जापान, अमेरिका, यूके, जर्मनी और फ्रांस के फ्लैश मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई डेटा भी महत्वपूर्ण रहेंगे।
इसके साथ ही, चल रहे IPO, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की बिकवाली और संभावित केंद्रीय बजट 2025 से जुड़ी खबरें निवेशकों के फोकस में रहेंगी।
बीएसई सेंसेक्स ने गुरुवार को एक सीमित दायरे में कारोबार किया और 115 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 76,520 पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी 50 ने 50 अंकों की बढ़त दर्ज की और 23,205 पर कारोबार खत्म किया।
ग्लोबल मार्केट से संकेत
एशिया-पैसेफिक बाजार में शुक्रवार को तेजी देखने को मिल रही है। अमेरिकी बाजारों में S&P 500 ने 0.53% की बढ़त के साथ 6,118.71 पर बंद होकर लगातार दूसरे सत्र में ऑल-टाइम हाई बनाया। डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 0.92% बढ़कर 44,565.07 पर पहुंच गया, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 0.22% बढ़कर 20,053.68 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 0.33% की बढ़त के साथ खुला। दिसंबर में कोर महंगाई दर 16 महीनों के उच्चतम स्तर 3% (सालाना) पर पहुंच गई, जो बैंक ऑफ जापान की आज होने वाली मौद्रिक नीति बैठक से पहले घोषित की गई। दक्षिण कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.62% ऊपर खुला, जबकि ऑस्ट्रेलिया का S&P/ASX 200 इंडेक्स 0.39% चढ़ा। वहीं, सिंगापुर के केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार की बैठक में अपनी मौद्रिक नीति में ढील दी, जो बाजार की उम्मीदों के अनुरूप रही।