बुधवार को रियल एस्टेट शेयरों पर दबाव रहा और कई प्रमुख कंपनियों के बाजार भाव में तेज गिरावट के बीच दिन के कारोबार में बीएसई रियल्टी सूचकांक 5.7 प्रतिशत लुढ़क कर 6,719.36 पर पहुंच गया। यह 10 महीने का निचला स्तर है।
रियल्टी सूचकांक 26 मार्च 2024 के बाद से अपने निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था। आंकड़ों के अनुसार, 26 मार्च को इसने 6,858.75 का निचला स्तर बनाया था। बीएसई रियल्टी इंडेक्स दिसंबर 2024 के अपने ऊंचे स्तर 8,871.98 से 24 प्रतिशत नीचे आ चुका है। पिछले एक महीने में प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स, ओबरॉय रियल्टी, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा), शोभा और गोदरेज प्रॉपर्टीज के शेयरों में 21 से 26 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।
बुधवार को बीएसई रियल्टी सूचकांक 4.5 फीसदी गिरावट के साथ सर्वाधिक गिरने वाले सेक्टोरल सूचकांकों में शामिल रहा। सेंसेक्स में 0.75 फीसदी की तेजी आई। बुधवार को प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स, ओबरॉय रियल्टी, लोढा, शोभा और गोदरेज प्रॉपर्टीज में 5 से 6 फीसदी के बीच गिरावट आई। डीएलएफ, अनंत राज इंडस्ट्रीज और ब्रिगेड एंटरप्राइजेज में 3 से 4 फीसदी के बीच कमजोरी दर्ज की गई।
ओबरॉय रियल्टी अपने आवासीय व्यवसाय के प्रदर्शन में तेजी देख रही है। इसके अलावा, इसके किराये के पोर्टफोलियो में भी तेजी देखी जा रही है। उसने अपने प्रमुख कार्यालय और खुदरा परिसंपत्तियों पर परिचालन शुरू कर दिया है। इलारा कैपिटल ने 2,350 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर पर अपनी खरीदें रेटिंग बरकरार रखी है। ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि गिरावट के मुख्य जोखिम परियोजनाएं पेश करने में विलंब और नियामकीय चुनौतियां हैं।
इस बीच एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च के अनुसार रियल एस्टेट की मांग में वृद्धि शुरू होने लगी है जो मध्यम आय वाले आवासों से निकल रही है। पिछले चार वर्षों में अपग्रेड की मांग का दबदबा रहा है जिससे डेवलपरों को बेहतर मूल्य तय करने में मदद मिली है।