तीसरी तिमाही में BPCL का मुनाफा 90 फीसदी से ज्यादा बढ़ा है। जबकि रेवेन्यू में 10 फीसदी की बढ़त हुई है। मार्जिन में सुधार और GRM में भी बढ़त रही है। हालांकि ये सभी आंकड़े अनुमान से कम रहे हैं। तीसरी तिमाही में कंपनी के GRMs (ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन) 4.40 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 5.60 डॉलर प्रति बैरल रही है। वहीं, LPG अंडर रिकवरी 4,120 करोड़ रुपए से बढ़कर 7,229 करोड़ रुपए पर रही है। कंपनी ने प्राज इंडस्ट्रीज के साथ JV किया है। ये करार कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट के लिए किया गया है। इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ने नुनुकन (Nunukan) ब्लॉक में निवेश को मंजूरी के दे दी है। इस ब्लॉक में 21.1 करोड़ डॉलर का निवेश होगा। नुनुकन ब्लॉक में BPCL की हिस्सेदारी 16.23 फीसदी है।
नतीजों के बारे में बात करते हुए कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर जी कृष्णकुमार ने कहा कि पेट्रोकेमिकल, कंज्यूमर रिटेल और ग्रीन एनर्जी स्पेस में मौके हैं। बीना रिफाइनरी केसमय पर पूरा होने की उम्मीद है। रूसी प्रतिबंधों के प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। रूसी प्रतिबंधों के कारण कच्चे तेल पर थोड़ा प्रीमियम लगेगा। आने वाले दिनों में सऊदी और अमेरिकी कच्चे तेल का स्रोत तलाशना होगा। 2-3 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में कच्चे तेल पर थोड़ा प्रीमियम देना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि हमारे क्रूड ऑयल मिक्स का 35 फीसदी हिस्सा रूस से था। अस्थिरता और रिफाइनरी बंद होने के बावजूद जीआरएम में सुधार देखने को मिला है। वित्त वर्ष का अंत 6.50 डॉलर प्रति बैरल के जीआरएम के साथ होना चाहिए। मार्च तक एलपीजी अंडर-रिकवरी की भरपाई होने की उम्मीद है। पूरी एलपीजी अंडर-रिकवरी की भरपाई होने के बारे में निश्चित नहीं हैं।
जी कृष्णकुमार ने आगे कहा कि 4-5 महीनों में महा नेचुरल गैस का आईपीओ लाना चाहिए। बीना रिफाइनरी विस्तार के समय पर पूरा होने का भरोसा है। कोच्चि रिफाइनरी में नई इकाई अब जुलाई 2027 की बजाय अप्रैल 2027 तक पूरी हो जाएगी। आगे मार्केटिंग व्यवसाय का प्रदर्शन अच्छा रहना चाहिए।