आज सुबह खबर आई थी कि भारत के 70,000 करोड़ रुपये के P75(I) सबमरीन प्रोजेक्ट के लिए L&T की बोली को नियमों का अनुपालन नहीं करने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया है। इसके चलते अब मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ही इस वोली की एकमात्र पात्र दावेदार रह गई है। इस खबर के चलते L&T के शेयरों की अच्छी खासी पिटाई हुई थी। वहीं, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स के शेयरों में जोरदार तेजी आई थी। लेकिन सबमैरीन के टेंडर के रद्द होने से जुड़ी इस खबर पर पड़ा अपडेट सामने आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक सबमैरीन का टेंडर दोबारा जारी करने की संभावना कम है।
इस खबर पर ज्यादा डिटेल जानकारी देते हुए सीएनबीसी आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने बताया कि 6 सबमरीन टेंडर में 2 कंपनियों ने बोली लगाई थी। L&T ने स्पेन की कंपनी Spanish Navantia के साथ बोली लगाई थी। नियम पूरा नहीं करने पर L&T का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था। L&T ने इंडियन नेवी की शर्तें पूरी नहीं की थीं। वहीं, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL) ने ThyssenKrupp के साथ बोली लगाई थी। 6 सबमरीन 70,000 करोड़ रुपए में खरीदने का प्रस्ताव था। टेंडर की कुल ऑर्डर वैल्यू 70,000 करोड़ रुपए है। 6 सबमरीन टेंडर में 2 कंपनियों ने बोली लगाई थी। लेकिन अब खबर आ रही है कि L&T की बोली रद्द होने के बाद सबमैरीन का टेंडर दोबारा जारी करने की संभावना कम है।
अब इस पर नई खबर ये है कि रक्षा मंत्रालय अब इन सबमैरीन की सप्लाई के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रहा है। पहला विकल्प ये है कि पूरा का पूरा टेंडर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स को दे दिया जाए। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स जर्मनी की कंपनी के साथ मिल कर इन सभी 6 सबमैरीन की डिलिवरी करे।
दूसरा विकल्प ये है सभी 6 सबमैरीन की डिलिवरी की जिम्मेदारी मझगांव डॉक को न देकर 3 की जिम्मेदारी L&T को शेष तीन की जिम्मेदारी मझगांव डॉक को दे दी जाए। ऐसा करने पर टेंडर दो अलग-अलग हिस्से में बंट जाएगा। इस पर अंतिम फैसला इंडियन नेवी नहीं लेगी। अंतिम फैसला रक्षा मंत्रालय का होगा। इस मुद्दे पर लीगल टीम भी अपनी समीक्षा करेगी फिर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। लेकिन फैसला बहुत जल्द होने की संभावना है।