Instant Personal Loan: पर्सनल लोन, होम लोन या किसी भी अन्य प्रकार के लोन के लिए क्रेडिट स्कोर बहुत महत्वपूर्ण होता है। आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही बैंक या NBFC आपको लोन प्रदान करते हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है, तो आपको बिना गारंटर के भी लोन मिल सकता है। इसके साथ ही कभी-कभी कम ब्याज दर पर भी लोन मिल जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा नहीं है तो बैंक या NBFC आपको लोन देने से मना कर सकते हैं।
अगर लोन मिल भी जाए तो ब्याज दर ज्यादा हो सकती है और शर्तें भी सख्त हो सकती हैं। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 500 है और आप पर्सनल लोन लेने के बारे में सोच रहे है तो आइए जानते हैं 500 के क्रेडिट स्कोर पर कैसे ले सकते हैं लोन
500 क्रेडिट स्कोर पर मिल सकता है लोन?
कई बार लोन की किस्त को समय से ना चुका पाने की वजह से क्रेडिट स्कोर 500 तक पहुंच सकता है। जिससे लोन मिलना लगभग नामुमकिन हो जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर 500 है तो इसका मतलब है कि आपने पहले के लोन का भुगतान समय पर नहीं किया। इसके साथ ही आपने कई बार डिफॉल्ट भी किया हो। यह आपके फाइनेंशियल एबिलिटी को कम दिखाता है। जिसकी वजह से बैंक या NBFC यह मान सकते हैं कि आप लोन का भुगतान करने में सक्षम नहीं होंगे। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि 500 सिबिल स्कोर के साथ आपको इंस्टैंट पर्सनल लोन नहीं मिल पाएगा।
इंटरेस्ट रेट जरूरत से ज्यादा
500 क्रेडिट स्कोर होने पर आपको लोन पर कई ऑफर मिलेंगे, लेकिन इन ऑफर्स पर इंटरेस्ट रेट ज्यादा हो सकती हैं। वहीं कुछ मामलों में आपको गारंटर की जरूरत भी पड़ सकती है। इस तरह आपको अपनी शर्तों पर लोन मिलने की संभावना न के बराबर ही रहती है। ऐसे में आपको लोन के लिए अप्लाई करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारना होगा। इसके लिए आपको अपने सभी बकाया बिलों का समय पर भुगतान करना होगा।
क्या होता है क्रेडिट स्कोर
लोन पर ब्याज दर मुख्य रूप से आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करती है। क्रेडिट स्कोर एक 3-अंकों की संख्या होती है जो यह बताती है कि आपने अपने पिछले लोन के भुगतान को कैसे मैनेज किया है। क्रेडिट स्कोर 300 से 900 तक के अंक में होता है, जिसमें 750 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है। जबकि 650 से कम के क्रेडिट स्कोर को खराब माना जाता है। एक उच्च क्रेडिट स्कोर यह दिखाता है कि आपने समय पर अपने लोन का भुगतान किया है, जबकि एक कम स्कोर यह बताता है कि आपने भुगतान में देरी की या लोन चुकाने में परेशानी हुई होगी।