भारतीय शेयर बाजार का निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स जल्द ही बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है। अगले महीने होने वाले पुनर्संतुलन (rebalancing) में हुंडई मोटर इंडिया और स्विगी जैसी बड़ी कंपनियों की एंट्री की संभावना है। यह इंडेक्स उन कंपनियों के लिए सीढ़ी की तरह है, जो निफ्टी 50 इंडेक्स का हिस्सा बनने का सपना देखती हैं।
7 कंपनियां बना सकती हैं जगह
इस बार निफ्टी नेक्स्ट 50 में हुंडई और स्विगी के साथ भारत पेट्रोलियम (BPCL), ब्रिटानिया, सीजी पावर, इंडियन होटल्स, और पॉलीकैब इंडिया जैसी 7 कंपनियों के जुड़ने की संभावना है। इन कंपनियों को शामिल करने से इंडेक्स में ताजगी और ऊर्जा आने की उम्मीद है।
7 कंपनियों को कहना पड़ सकता है अलविदा
दूसरी ओर, जोमैटो और जियो फाइनेंशियल जैसी चर्चित कंपनियों को इस इंडेक्स से बाहर किया जा सकता है। इनके अलावा IRCTC, अदाणी टोटल गैस, एनएचपीसी, BHEL, और यूनियन बैंक की विदाई की भी चर्चा है। हालांकि, जोमैटो और जियो फाइनेंशियल के लिए यह कदम आगे बढ़ने का संकेत हो सकता है, क्योंकि इन्हें निफ्टी 50 इंडेक्स में शामिल करने की संभावना है।
हुंडई और स्विगी की एंट्री पर अड़चन?
हुंडई और स्विगी की एंट्री फिलहाल तय नहीं मानी जा सकती। अगर NSE इंडेक्स यह नियम लागू करता है कि सिर्फ फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट की कंपनियां ही इंडेक्स का हिस्सा बन सकती हैं, तो इनकी एंट्री रुक सकती है।
इस बदलाव से निफ्टी नेक्स्ट 50 इंडेक्स में शामिल फंडों में ₹5,000 करोड़ तक की हलचल हो सकती है। वर्तमान में इस इंडेक्स से जुड़े फंड्स का कुल AUM ₹30,000 करोड़ तक पहुंच चुका है, जो पिछले एक साल में दोगुना हो गया है।
क्यों खास है निफ्टी नेक्स्ट 50?
यह इंडेक्स निफ्टी 50 का अगला पड़ाव है। जो कंपनियां इसमें शामिल होती हैं, वे भारतीय बाजार के शीर्ष 50 का हिस्सा बनने की दौड़ में होती हैं।
कुल मिलाकर, निफ्टी नेक्स्ट 50 में संभावित बदलाव बाजार के लिए बड़ा घटनाक्रम साबित हो सकता है। हुंडई और स्विगी की एंट्री या जोमैटो और जियो की विदाई बाजार की दिशा तय कर सकती है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि NSE इंडेक्स इन बदलावों के लिए क्या नियम लागू करता है। क्या यह कदम बाजार में हलचल मचाएगा या निवेशकों के लिए नया मौका बनेगा?