Zomato Shares: जोमैटो के शेयर आज अचानक आखिरी घंटे में 7% से अधिक गिर गए। यह गिरावट आई कंपनी के तिमाही नतीजों के बाद। जोमैटो ने जैसे ही अपने दिसंबर तिमाही के नतीजे जारी किए, इसके शेयर बेचने की होड़ लग गई। आखिर इसके तिमाही नतीजे में ऐसी कौन सी बात थी? निवेशक किस बात से सबसे अधिक निराश दिखे? आइए जानते हैं इसके पीछे की 3 सबसे बड़ी वजह।
1. Blinkit स्टोर्स का आक्रामक विस्तार
Zomato का तीसरी तिमाही में शुद्ध मुनाफा 57% गिरकर ₹59 करोड़ पर आ गया। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह रही Blinkit स्टोर्स का तेजी से विस्तार। जोमैटो अपने क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म Blinkit प्लेटफॉर्म पर आ रहे ऑर्डर को पूरा करने के लिए लगातार नए स्टोर्स खोल रही है। इसके चलते इसका खर्च काफी बढ़ा है और मार्जिन घट गया है। कंपनी ने कहा कि दिसंबर तिमाही में Blinkit से जुड़े घाटे में ₹95 करोड़ की बढ़ोतरी हुई। वहीं इसका कुल एडजस्टेड EBITDA 14 फीसदी या 45 करोड़ रुपये घट गया।
जोमैटो के फाउंडर और सीईओ, दीपिंदर गोयल ने कहा, “पहले हमने दिसंबर 2026 तक ब्लिंकिट के 2,000 स्टोर्स खोलने का लक्ष्य रखा था। लेकिन अब ऐसा लगता है हम इस लक्ष्य को एक साल पहले यानी दिसंबर 2025 में ही हासिल कर लेंगे और इसके लिए अपने निवेश को तेज कर दिया है। इसी निवेश के चलते ब्लिकिंट का घाटा इस तिमाही में बढ़ा है।”
Zomato का कहना है कि यह खर्च पहले से तय था, लेकिन अंतर यह आया है कि थोड़ा समय से पहले ही कर लिया गया है और इसी के चलते कंपनी के मार्जिन पर दबाव डाला है।
2. फूड डिलीवरी बिजनेस में धीमी ग्रोथ
दूसरी वजह है फूड डिलीवरी बिजनेस में ग्रोथ का धीमा होना। Zomato की ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू (GOV) पिछले तिमाही के मुकाबले सिर्फ 2% बढ़ी। यह आंकड़ा निवेशकों की उम्मीदों से काफी कम है। कंपनी के फूड डिलीवरी बिजनेस के सीईओ, राकेश रंजन ने बताया, “हमारे फूड डिलीवरी बिजनेस में 20% से ज्यादा सालाना ग्रोथ का अनुमान है। लेकिन ग्रोथ हमेशा एक जैसी नहीं रहती। फिलहाल हम एक मंदी वाले दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन हमें लंबी अवधि में मजबूती की उम्मीद है।”
कंपनी ने यह भी बताया कि नवंबर के दूसरे हाफ से डिमांड में गिरावट देखी गई है। हालांकि, Zomato को भरोसा है कि GOV में 20% की सालाना ग्रोथ को हासिल किया जा सकती है।
इस बीच Zomato ने District नाम से नया ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप की टीम, मार्केटिंग और तकनीकी लागत पर हुआ खर्च भी कंपनी के तिमाही घाटे का एक बड़ा कारण बना है। कंपनी ने इस पर काफी निवेश किया है। कंपनी ने कहा कि हम अगले एक साल तक इस District ऐप के घाटे में काम करने की संभावना रखते हैं।
Zomato की बढ़ती कर्मचारी लागत
तीसरी वजह रही Zomato की बढ़ती कर्मचारी लागत। दिसंबर तिमाही में कंपनी की कर्मचारी लागत में 21% की बढ़ोतरी हुई। यह बढ़ोतरी दो कारणों से हुई – नए कर्मचारियों की भर्ती और टैलेंट यानी अच्छे कर्मचारियों को बनाए रखने को लेकर कॉम्पिटीशन।
Zomato के सीएफओ अक्षंत गोयल ने बताया, “हमारी टोटल कर्मचारी लागत अगले कुछ तिमाहियों तक ज्यादा रहेगी। हालांकि, FY26 तक हम इसे घटाकर एडजस्टेड रेवेन्यू का 6-8% करने की योजना बना रहे हैं।” कंपनी का कहना है कि Blinkit और District जैसे नए कारोबारों के चलते हायरिंग बढ़ी है। इस वजह से Zomato को कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
जोमैटो का दिसंबर तिमाही शुद्ध मुनाफा 57 फीसदी घटकर 59 करोड़ रुपये रहा। जबकि पिछले साल इसी तिमाही तिमाही में कंपनी को 138 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। वहीं इसके फूड डिलीवरी बिजनेस के रेवेन्यू में सालाना 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जबकि ब्लिंकिट के रेवेन्यू में दो गुना की बढ़ोतरी देखी गई।