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Budget 2025: क्या ₹20 लाख तक की आय पर 20% इनकम टैक्स का मिलेगा तोहफा? स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट बढ़ने की उम्मीद

Union Budget 2025: बजट 2025 में आयकर में राहत मिले, ऐसी उम्मीद हर कोई कर रहा है। सरकार का इस दिशा में क्या फैसला है, यह तो 1 जनवरी को बजट पेश होने पर ही सामने आएगा। बहरहाल कयासों का दौर जारी है, जिसके तहत एक अनुमान यह भी है कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाते हुए पुरानी इनकम टैक्स व्यवस्था को अगले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे करके खत्म करने की रूपरेखा की घोषणा कर सकती है।

CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार करदाताओं को टैक्स में राहत देने की योजना पर विचार कर रही है, जिससे खपत और आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नई इनकम टैक्स व्यवस्था को और अधिक फायदेमंद या आकर्षक बनाने पर विचार किया जा रहा है।

दो विकल्पों पर हो रहा विचार

 

रिपोर्ट में सोर्सेज के हवाले से कहा गया है कि सरकार नई टैक्स व्यवस्था के तहत टैक्स रिलीफ देने के लिए दो विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला विकल्प वेतनभोगी करदाताओं के लिए नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट को और बढ़ाना है। वर्तमान में नई टैक्स व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 75,000 रुपये है।

दूसरा विकल्प नई टैक्स व्यवस्था में टैक्स स्लैब्स को एडजस्ट करना है। सरकार नई व्यवस्था के तहत 20% टैक्स स्लैब का विस्तार कर सकती है और इसमें सालाना ₹12-18 लाख या ₹20 लाख तक की आय को भी कवर कर सकती है। इसके अलावा, ₹18 लाख या ₹20 लाख से अधिक की आय पर 30% का टैक्स ब्रैकेट लगाया जा सकता है। नई इनकम टैक्स व्यवस्था के तहत वर्तमान टैक्स स्लैब इस तरह हैं…

₹0 से ₹3,00,000: 0%

₹3,00,001 से ₹7,00,000: 5%

₹7,00,001 से ₹10,00,000: 10%

₹10,00,001 से ₹12,00,000: 15%

₹12,00,001 से ₹15,00,000: 20%

₹15,00,001 से अधिक: 30%

बजट से पहले कई टैक्स विशेषज्ञ और इंडस्ट्रीज बॉडीज उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार करदाताओं के हाथों में अधिक पैसा डालने के लिए नई व्यवस्था के तहत टैक्स स्लैब और दरों में संशोधन करेगी। हाल ही में EY इंडिया ने कहा कि उसे उम्मीद है कि सरकार नई इनकम टैक्स व्यवस्था में बेसिक एग्जेंप्शन लिमिट को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख करेगी और टैक्स रेट्स को भी कम करेगी। EY के चीफ पॉलिसी एडवायजर डीके श्रीवास्तव का कहना है कि आगामी बजट में वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए पर्सनल इनकम टैक्स को कम करने और अधिक पूंजीगत खर्च एलोकेट करने जैसे घरेलू फैक्टर्स पर फोकस करने की जरूरत है।

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