बाजार का फोकस बैंकिंग सेक्टर पर है। 17 जनवरी के कारोबार में बैंक शेयरों ने बाजार पर दबाव बनाने का काम किया। इसका बड़ा कारण एक्सिस बैंक रहा। दरअसल एक्सिस बैंक के नतीजें बाजार को पसंद नहीं आए। ऐसे में बैंकों में आई बिकवाली कब थमेंगी और क्या आगे आने वाले दूसरे बैंकों के नतीजे भी कमजोर होंगे? बैकों में अब क्या निवेश रणनीति बनानी चाहिए? इसी पर विस्तार से बात करते हुए मिराए एसेट शेयरखान (Mirae Asset Sharekhan) के सीनियर एनालिस्ट राहुल मलानी (Rahul Malani) का कहना है कि सेक्टोरल फ्रंट पर देखें तो एक्सिस बैंक ने अंडरपरफॉर्म किया है। आने वाले 6-9 महीनों के लिए बैंक में लोन की विजिबिलिटी कम रह सकती है। बैंक में एसेट क्वालिटी को लेकर चुनौतियां बनी रहेगी। मैनेजमेंट कमेंट्री से साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिक आउट की संभावना कम नजर आ रही है।
उन्होंने आगे कहा कि बैंक के वैल्यूएशन भले ही सस्ते है लेकिन अगर आउटलुक में बदलाव नहीं होता है तो शेयर में कंसोलिडेशन देखने को मिलेगा। साल -दर-साल आधार पर बैंक के NIM को देखें तो एक बड़ा कम्प्रेशन (दबाव) देखने को मिला है। क्योंकि लास्ट ईयर में डिस्बर्समेंट में अनसिक्योर्ड का सेगमेंट का प्रोपोर्शन बड़ा था। अनसिक्योर्ड में दबाव के चलते लोन ग्रोथ डीग्रोथ हो रहा है। जिसका इपेक्ट आपको NIM पर देखने को मिलता है। यील्ड में दबाव के चलते आगे NIM में 5-10 बेसिंस प्वाइंट का दबाव और आ सकता है।
आईसीआईसीआई बैंक का लोन ग्रोथ 13-14 फीसदी पर संभव
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) के आनेवाले तिमाही नतीजों पर बात करते हुए राहुल मलानी ने कहा कि मुझे लगता है कि इस सेक्टर में सबसे अच्छे नतीजे आईसीआईसीआई बैंक के रह सकते है। q3 नतीजे में बैंक की एसेट क्वालिटी पर फोकस रहेगा। लोन ग्रोथ 13-14 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद है।
एचडीएफसी बैंक के नतीजे स्थिर रहने की उम्मीद
एचडीएफसी बैंक पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि आनेवाले नतीजों को लेकर बाजार ज्यादा रिएक्ट नहीं करेगा क्योंकि बाजार को डिपॉजिट नंबर और NIM के आंकड़े स्थिर रहने का अनुमान है। जिसके चलते Q3 के नतीजे बैंक के लिए नॉन इवेंट की तरह की रहेंगे। यहीं कारण है कि एचडीएफसी बैंक के नतीजे स्थिर रहने की उम्मीद है।
राहुल ने आगे कहा कि आनेवाले 2 सालों में एचडीएफसी बैंक में अच्छी री-रेटिंग देखने को मिल सकती है।
प्राइवेट बैंकों की तुलना में पीएसयू बैंक करेंगे अच्छा परफॉर्म
पीएसयू बैंकों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ओवरऑल पीएसयू बैंकों की बात की जाए तो अर्निंग ग्रोथ में दबाव देखने को मिलेगा। क्योंकि ट्रेजरी गेन इस तिमाही में नहीं रहेंगे। लोन ग्रोथ मोडरेशन रह सकता है। वहीं क्रेडिट कॉस्ट में दबाव दिख सकती है। लेकिन ओवरऑल प्राइवेट बैंकों की तुलना में पीएसयू बैंक अच्छा परफॉर्म करेंगे। हालांकि आरबीआई की तरफ से प्रोजेक्ट फाइनेंशिंग और ईसीएल गाइडलाइंस आ सकता है। वो पीएसयू बैंक के लिए प्रेशर प्वाइंट रहेगा।
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