वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण यूनियन बजट 2025 में रेलवे के लिए आवंटन 5-10 फीसदी तक बढ़ा सकती हैं। एलारा कैपिटल के एनालिस्ट हर्षित कपाड़िया ने यह अनुमान जताया है। वित्तमंत्री ने पिछले साल यूनियन बजट में रेलवे के लिए आवंटन 4 फीसदी बढ़ाया था। सरकार ने तब 2.65 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। सरकार का फोकस रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर होगा।
एलारा कैपिटल का मानना है कि रेलवे के लिए आवंटन बढ़ने से रेलवे और मेट्रो से जुड़ी कई कंपनियों को फायदा होगा। सरकारी कंपनियों में RITES और BEML की ग्रोथ का काफी संभावनाएं हैं। प्राइवेट सेक्टर में सबसे ज्यादा फायदा Siemens को हो सकता है। Titagarh Rail Systems को भी इसका फायदा हो सकता है। 16 जनवरी को रेलवे के लिए आवंटन बढ़ने के अनुमान से रेलवे से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी दिखी थी।
कपाड़िया ने कहा, “BEML का रेल और मेट्रो पोर्टफोलियो तेज ग्रोथ दिखा सकता है। कंपनी को पहले ही मेट्रो से दो ऑर्डर मिल चुके हैं। कंपनी रेलवे से रोलिंग स्टॉक से संबंधि आइटम्स का ऑर्डर हासिल करने की कोशिश कर रही है। कंपनी को मुंबई-अहमदाबादा के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए भी एक प्रोटोटाइप बुलेट ट्रेन बनाने का ऑर्डर मिला है। कंपनी वंदे भारत स्लीपर के लॉन्च के लिए भी एक प्रोटोटाइप पर काम कर रही है।”
रेलवे बोर्ड के पूर्व सदस्य महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि सेफ्टी और सिक्योरिटी पर फोकस रहेगा। पिछले साल रेलवे को हुए कैपिटल एक्सपेंडिचर का 40 फीसदी सेफ्टी के उपायों पर खर्च हुआ था। इसमें ट्रैक रिप्लेसमेंट और रोलिंग स्टॉक अपग्रेड शामिल था। उन्होंने बताया कि अगले 5-10 साल में रेलवे को अपने ऐलोकेशन का 40-50 फीसदी सेफ्टी से जुड़े उपायों पर खर्च करना होगा।
उन्होंने बताया कि रेलवे कई स्टेशनों को आधुनिक बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेसक्ट का अहम हिस्सा है। रेलवे को स्टेशनों को आधुनिक बनाने में तीन से चार साल का समय लग सकता है। उधर, लोकोमोटिव्स, पैसेजंर्स कार, फ्रेट कॉर और वैगन जैसे रोलिंग स्टॉक्स में बदलाव करने पर भी फोकस जारी है। सुरक्षा के लिए पूरे रेल नेटवर्क पर कवच सिस्टम को लागू किया जा रहा है।