बाजार के आगे के आउटलुक पर बात करते हुए Alchemy Capital Management के Quant & Fund Manager हेड आलोक अग्रवाल का कहना है कि एफआईआई की बिकवाली, बीते 4 महीने से जीएसटी कलेक्शन ग्रोथ के आंकड़े सिंगल डिजिट में आना और कॉर्पोरेट अर्निंग में दबाव रहा। वहीं दिसंबर के कॉर्पोरेट नंबर भी सिंगल डिजिट ग्रोथ के रहने का अनुमान लगाया गया है। यूएस में इलेक्शन के बाद अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ ऐसी पॉलिसी आएगी जहां टैक्स कट हो सके और वहां की प्रो-ग्रोथ पॉलिसी आ सकें। जिसके वजह से पूरे इमर्जिंग मार्केट से ही आउटफ्लो हो रहे है। ऐसे में हमारे यहां स्लोडाउन नहीं होता तो शायद उसका इपेक्ट इतना बुरा नहीं होता। इकोनॉमी में स्लोडाउन के चलते बाजार पर इसका असर देखने को मिला है।
उन्होंने आगे कहा कि सितंबर से नवंबर के दौरान बाजार में करेक्शन देखने को मिला। लॉर्ज, मिड और स्मॉलकैप सभी सेक्टर ने अपने पीक से करीब 11 फीसदी का करेक्शन दिखाया। लॉर्जकैप के तुलना में ब्रॉडर मार्केट में बाउंसबैक ज्यादा देखने को मिला। क्योंकि ब्रॉडर मार्केट में ग्रोथ अच्छी रही। आलोक अग्रवाल ने कहा कि जब तक ब्रॉडर मार्केट में ग्रोथ ट्रेड अच्छे रहेंगे तब तक उनमें लॉर्जकैप की तुलना में मजबूती ज्यादा रहेगी। देखना सिर्फ यह है कि नियर टर्म में जब इकोनॉमी में स्लोडाउन नजर आ रहा है तब ऐसे में कौन से सेगमेंट ज्यादा बेहतर कर पाए और बाजार में निवेश करने वालों को उन सेगमेंट में ही फोकस करना चाहिए।
बाजार में आया करेक्शन लंबी अवधि में निवेश करने का बेहतर मौका दे रही है। क्योंकि बाजार में लंबी अवधि में तेजी की पूरी संभावना है।
आईटी सेक्टर में अभी भी पॉजिटिव ट्रेड
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए आलोक अग्रवाल ने कहा कि इस सेक्टर की मैज्योरिटी बिजनेस यूएस से आती है तो यूएस में किस तरह की पॉलिसी रहेगी इसका बड़ा असर सेक्टर पर दिखेगा। उम्मीद की जा रही है कि यूएस में टैक्स में कटौती होती है तो डिस्क्रिशनरी स्पेनडिंग के लिए कंपनियों के पास ज्यादा पैसे होंगे। जिसके वजह से यह उम्मीद जताई जा रही है कि शायद डिस्क्रिशनरी स्पेनडिंग बढ़ सकें। अगर सेक्टर के अर्निंग ग्रोथ में अपसाइड दिखाई देती है तो काफी बेहतर होगा। आईटी सेक्टर में अभी भी पॉजिटिव ट्रेड बना हुआ है।
लॉर्जकैप बैंकिंग स्टॉक्स में अंडरवेट नजरिया
लॉर्जकैप बैंकिंग स्टॉक्स अपने ऑल टाइम हाई से बहुत ज्यादा नीचे नहीं गिरे है लेकिन यह ओवरऑल मार्केट को आउटपरफॉर्म नहीं कर पा रहे हैं। बैंकों में क्रेडिट ग्रोथ में स्लोडाउन के बैंकों के मुनाफे पर असर देखने को मिल रहा है। क्रेडिट ग्रोथ, मार्जिन , क्रेडिट कॉस्ट इन तीनों में ही बड़ा कोई सुधार नजर नहीं आ रहा है। जिसके चलते ये सेक्टर अंडरपरफॉर्म कर सकते है। हमारा नजरिया खुद इस सेक्टर अंडरवेट बना हुआ है।
पावर सेक्टर पर बुलिश नजरिया
पावर सेक्टर पर हमारा बुलिश नजरिया बना हुआ है । भारत में पावर प्लांट्स लगाने की जरुरत है, ट्रांसमिशन लाइन में सुधार लाने की जरुरत है, जिसके चलते इस सेक्टर से जुड़े जनरेशन, ट्रासमिशन और जितने भी वेंडर वाले कंपनियां है उन सेगमेंट में हम काफी पॉजिटिव है। गिरावट में पावर कंपनियां आकर्षक हुई है। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा भाव पर तेल-गैस कंपनियां पसंद नहीं है।
(डिस्क्लेमर: दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।