युवा और होनहार पोर्टफोलियो मैनेजर जिगर मिस्त्री ने नए साल 2025 के लिए अपने 5 प्रमुख इनवेस्टमेंट थीम बताए हैं। बॉयंट कैपिटल के जिगर मिस्त्री का मानना है कि यह ऐसा समय है जब बाजार में गलतियां करने की संभावनाएं अधिक हैं। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने, लगातार विदेशी बिकवाली, डॉलर में मजबूती और रुपये में कमजोरी, सरकारी कैपिटल एक्सपेंडिचर और जीडीपी ग्रोथ का धीमा होना, अर्निंग्स में गिरावट और ऐतिहासिक रूप से ऊंचे वैल्यूएशन सहित कई ऐसे कारण हैं, जो बाजार के लिए जोखिम बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए।
जिगर मिस्री के 2025 के लिए 5 इनवेस्टमेंट थीम-
1. कमाई में सुस्ती: एक नई हकीकत?
मिस्त्री का कहना है कि अर्निंग्स में जो धीमापन दिख रहा है, वह उतना अस्थायी नहीं है, जितना हम सोच रहे। उन्होंने कहा कि कंजम्प्शन सेक्टर (खासकर FMCG) में धीमी ग्रोथ के संकेत हैं। सरकारी कैपिटल एक्सेंडिचर और कॉरपोरेट खर्च, दोनों में अनुमानों के मुताबिक बढ़ोतरी नहीं हो रही है। मिस्त्री ने यह भी बताया कि “राज्य सरकारों का खर्च खासतौर से बदला है, और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर फिलहाल ठहराव की स्थिति में हैं।”
मिस्त्री ने कहा कि केंद्र सरकार की खर्च करने की क्षमता आगे सीमित हो सकती है, खासतौर पर जब वित्तीय घाटा 4.5-4.9% तक प्रोजेक्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार भारत को ट्रिपल A रेटिंग दिलाने के लिए वित्तीय सख्ती बरत सकती है, जिससे खर्च बढ़ाने की गुंजाइश कम है।”
उपभोक्ता खर्च के रुझानों पर बात करते हुए मिस्त्री ने कहा कि प्रति व्यक्ति जीडीपी में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन “खपत कुछ खास क्षेत्रों तक सीमित है।” उन्होंने कहा कि अगले दो सालों में अर्निंग सामान्य हो सकती है, लेकिन यह असमान रूप से फैली हुई होगी।
मिस्त्री का मानना है कि 2025 में निवेश के लिए लिए कंज्मप्शन, प्राइवेट सेक्टर के बड़े बैंक और हेल्थकेयर बिजनेस कुछ प्रमुख सेगमेंट हो सकते हैं, जहां से सुखद आश्चर्य की उम्मीद की जा सकती है। हालांकि पूंजीगत निवेश से जुड़े क्षेत्रों में नेगेटिव सरप्राइज देखने को मिल सकता है।
2. बाजार में आने वाला फंड
मिस्त्री ने बाजार में आने वाले फंड को लेकर अपनी राय दी। उनका कहना है कि इन फंड का फ्लो केवल एक सहायक कारक है और यह फंडामेंटल को प्रभावित नहीं कर सकता। हालांकि, यह छोटे समय में बाजार की स्थिति को बनाए रखने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, “शॉर्ट टर्म में, बाजार में ऊंची वैल्यूएशन बनी रह सकती है, लेकिन लंबे समय में फंडामेंटल बातें ही निर्णायक होंगी।”
3. लार्ज कैप पर फोकस
छोटे और माइक्रो-कैप शेयरों के मुकाबले लार्ज-कैप बेहतर प्रदर्शन करेंगे। मिस्त्री ने बताया कि म्युचुअल फंड्स का आकार बढ़ने के बावजूद छोटे और माइक्रो-कैप का फ्री-फ्लो मार्केट कैप सीमित है। उन्होंने कहा, “लार्ज-कैप शेयरों का प्रदर्शन इस साल बेहतर रहने की संभावना है।”
4. ऊंचे वैल्यूएशन वाले बिजनेसों से सतर्क रहें
मिस्त्री के मुताबिक, निवेशकों को उन बिजनेसों के प्रति सतर्क रहना चाहिए जिनकी वैल्यूएशन अत्यधिक है। यहां तक कि अगर उनकी कमाई बढ़ती है, तो भी उनके शेयर की कीमत लंबे समय तक पॉजिटिव रिएक्शन नहीं दे सकते।
5. पोर्टफोलियो बीटा को समझदारी से प्रबंधित करें
मिस्त्री ने कहा कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो का बीटा (बाजार की अस्थिरता के मुकाबले पोर्टफोलियो की संवेदनशीलता) कम करके बाजार की मौजूदा स्थिति के अनुसार जोखिम को संतुलित कर सकते हैं। उनका सुझाव है कि ऊंचे वैल्यूएशन वाले बाजार में बड़े कैश कॉल करने के बजाय कम बीटा पोर्टफोलियो रखना बेहतर रणनीति हो सकती है।
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