GDP Growth Forecast: देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI ने चालू वित्त वर्ष 2025 में भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। एसबीआई का अनुमान नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) के भी जीडीपी ग्रोथ अनुमान से कम है। एसबीआई ने इस वित्त वर्ष 2025 में जीडीपी के 6.3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान लगाया है, जबकि NSO का अनुमान 6.4 फीसदी है। एसबीआई ने लेंडिंग और मैनुफैक्चरिंग में सुस्ती जैसी इकोनॉमिक चुनौतियों के चलते विकास दर के अपने अनुमान में कटौती की है। इसके पहले 7 जनवरी को भारत सरकार ने अपना पहला अग्रिम अनुमान जारी किया।
SBI GDP पूर्वानुमान रिपोर्ट में क्या कहा?
SBI ने अपनी GDP पूर्वानुमान रिपोर्ट में कहा, “ऐतिहासिक रूप से RBI के अनुमान और NSO के अनुमान के बीच का अंतर हमेशा 20-30 बेसिस प्वाइंट के दायरे में रहता है, इसलिए वित्त वर्ष 2025 के लिए 6.4 फीसदी का अनुमान उम्मीद के मुताबिक और उचित है। हालांकि, हमारा मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में GDP ग्रोथ रेट लगभग 6.3 फीसदी रह सकती है, जिसमें और गिरावट की आशंका है।” बता दें कि SBI का GDP ग्रोथ रेट अनुमान RBI के 6.6 फीसदी के अनुमान से भी कम है।
NSO के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक भारत की GDP वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.4 फीसदी रहेगी। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानति विकास दर का यह आंकड़ा पिछले चार साल का निचला स्तर है। बता दें कि FY25 की पहली तिमाही में 6.7 फीसदी की ग्रोथ के बाद दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था उम्मीद से कम 5.4 फीसदी की दर से बढ़ी है।
SBI ने क्यों घटाया अपना अनुमान?
NSO के आंकड़ों के अनुसार मजबूत पॉलिसी उपायों और पब्लिक इन्फ्रॉस्ट्रक्चर डेवलपमेंट के विकास के कारण वित्त वर्ष 2025 में एग्रीकल्चर और इससे जुड़ी गतिविधियों में 3.8 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2024 में 1.4 फीसदी थी। हालांकि, इंडस्ट्री और सर्विसेज में पिछले साल की तुलना में ग्रोथ में कमी आने की उम्मीद है। इंडस्ट्री में वित्त वर्ष 2025 में 6.2 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2024 में 9.5 फीसदी से कम है। वहीं, सर्विसेज में 7.2 फीसदी की ग्रोथ की संभावना है, जो वित्त वर्ष 2024 में 7.6 फीसदी से थोड़ी कम है।
रिपोर्ट में सरकारी खर्च की अहम भूमिका पर जोर दिया गया है, जिसमें 8.5% की नॉमिनल ग्रोथ और 4.1% की रियल ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है, जिससे इकोनॉमी को मजबूती मिलने की उम्मीद है। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर्स का कमजोर प्रदर्शन हायर ग्रोथ रेट बनाए रखने में बड़ी चुनौती पेश कर रहा है।